ग्वालियर में एक गरीब मां अपने नेत्रहीन 10 साल के बच्चे को लेकर एसपी कार्यालय पहुंची। नेत्रहीन बच्चे की मां का आरोप है कि खेल खेलते वक्त दो बच्चो ने उसके बच्चे की लकड़ी मारकर आंख फोड़ दी। इससे उसे दिखाना बंद हो गया है। पुलिस ने दोनों बच्चो के खिलाफ मामला दर्ज किया है। लेकिन, पूर्व मकान मालिक के इशारे पर उसके बच्चे की आंख फोड़ी गई पर पुलिस ने उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और अब वह राजीनामा के लिए परिवार को धमका रहा है। डॉक्टर ने उसके बच्चे के ऑपरेशन के लिए लाखों रुपए मांगे है। वही पुलिस अधिकारी ने बच्चे की मां को जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में खड़ी एक नेत्रहीन बच्चे की मां ने न्याय की गुहार लगाई है। मां संजना सिसोदिया का कहना है कि वह हजीरा थाना क्षेत्र के सुभाष नगर चार शहर का नाका में रहती है और उसका पति महेंद्र सिसोदिया मजदूरी करने का काम करता है और उनका 10 साल का बेटा मदन सिसोदिया 5वी क्लास में पढ़ता है। बीते दिनो जब उसका बेटा घर के बाहर खेल रहा था। तभी पूर्व मकान मालिक गिर्राज सिंह सिकरवार का बेटा टोनी सिकरवार और उसका दोस्त केशव तोमर उसके पास खेलने पहुंचे और उसी दौरान किसी बात पर टोनी और केशव ने उसकी आंख में लड़की मार दी। जिससे उसकी आंख से खून निकलने लगा। खून निकलता देख दोनो बच्चे वह से भाग निकले। मदन जब रोते हुए अपने घर पहुंचा तो उसे परिजन तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में लेकर पहुंचे और भर्ती कराया। इस घटना की शिकायत मां ने थाने में की।
वही पुलिस ने मां की शिकायत पर दोनो बच्चो के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। लेकिन मां का आरोप है कि गिर्राज सिंह सिकरवार के यहां 6 महीने पहले किराए से कमरा लेकर रहती थी और किसी बात पर उसका मकान मालिक से विवाद हो गया था। विवाद के चलते उनका कमरा खाली कर पड़ोस में कमरा किराए पर ले लिया था। जब से ही उसका पूर्व मकान मालिक उससे रंजिश रखे हुए था और विवाद का बदला लेने के लिए गिर्राज ने अपने बेटे और उसके दोस्त से उसके बच्चे की आंख को फोड़ गया। जिसकी उसने शिकायत की थी। लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और अब वह राजीनामा करने के लिए परिवार को धमका रहा है। आज उसका बच्चा देख नहीं सकता और डॉक्टरों ने चार बार उसका ऑपरेशन करने के लिए कहा है। जिसका खर्चा 3 लाख रुपए से अधिक बताया है जो उसके हैसियत से भी कई ज्यादा है। पीड़ित बच्चे की मां चाहती है कि दोषी मकान मालिक पर ठोस कार्रवाई की जाए। जिससे उसके बेटे का इलाज हो जाए। वही पुलिस अधिकारी ने उसकी शिकायत पर थाना प्रभारी को मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है और मां को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।