इजरायल हमले के मद्देनजर सऊदी अरब की तरफ से इस्ला्मिक शिखर सम्मेपलन बुलाई गई। इस सम्मेलन में गाजा पर इजरायल के हमलों को लेकर उनमें मतभेद दिखा। दरअसल, कुछ अरब देश इजरायल की तरफ से गाजा पर हुए हमले को दी गई प्रतिक्रिया पर बंटे हुए हैं। अरब लीग के देशों में कई महत्वपूर्ण विचारों पर उनमें मतभेद थे। ये विचार गाजा पर इजरायल के हमले से जुड़े थे, जिन्हेंे संयुक्त जवाब में अपनाया नहीं जा सका। इस असहमति के कारण इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआईसी और अरब लीग के शिखर सम्मेलन का विलय हो गया।
सऊदी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी कि दो आपातकालीन बैठकें शनिवार को रियाद में एक संयुक्त शिखर सम्मेलन के रूप में आयोजित की जाएंगी। वहीं, सऊदी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘गाजा में असाधारण परिस्थितियां हैं इनके जवाब में और अरब लीग के अलावा इस्लामिक सहयोग संगठन के परामर्श के बाद, रियाद में एक असाधारण संयुक्त अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया।’
बताया जा रहा है कि जिन मुद्दों पर मतभेद थे, उनमें इजरायल को हथियारों और गोला-बारूद की सप्ला ई के लिए अरब देशों में अमेरिका और बाकी सैन्य अड्डों के उपयोग पर रोक लगाना शामिल है। साथ ही इजरायल के साथ अरब राजनयिक, आर्थिक, सुरक्षा और सैन्य संबंधों पर रोक लगाना और दबाव बनाना भी शामिल था। साथ ही जारी आक्रामकता को रोकने के लिए तेल और अरब आर्थिक क्षमताओं का लाभ उठाने की धमकी भी दी गई है।