लखनऊ-इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे की कवायद शुरू होनी है, पर मौजूदा परिस्थितियों में यह गुत्थी आसानी से सुलझते हुए नहीं दिख रही है। सपा ने फैसला किया है कि घटक दलों के पास मजबूत प्रत्याशी होने पर ही वह कोई भी सीट छोड़ेगी। सीटों के बंटवारे के लिए तृणमूल, सपा और डीएमके सरीखी क्षेत्रीय पार्टियां भी एकसमान फॉर्मूला अपनाने पर सहमत हैं।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 6 दिसंबर को इंडिया के प्रमुख 15 घटक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। लेकिन तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, डीएमके नेता एमके स्टालिन, जदयू नेता नीतीश कुमार और झामुमो के नेता हेमंत सोरेन ने बैठक में भाग लेने से मना कर दिया। इसके बाद बुधवार को होने वाली बैठक को टाल दिया गया है। लेकिन लोकसभा व राज्यसभा में विपक्ष के दलीय नेताओं को दिल्ली में खरगे के आवास पर डिनर के लिए आमंत्रित किया गया है। इंडिया गठबंधन के सूत्रों के मुताबिक, डिनर के जरिये मप्र चुनाव के चलते पैदा हुई खटास को दूर करने की कोशिशें होंगी। अगली बैठक के लिए संभावित तारीखों पर विचार भी किया जाएगा। पांच राज्यों के चुनाव के दौरान ही राजद और जदयू समेत इंडिया के कई घटक दल न सिर्फ एक बड़ी रैली का आयोजन करना चाहते थे, बल्कि सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले पर वार्ता करने की भी उनकी योजना थी। लेकिन कांग्रेस ने पांच राज्यों के चुनाव के नतीजों के बाद इस पर विचार करने की बात कहते हुए मामले को टाल दिया था।