नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने महाराष्ट्र के लातूर में विवेकानन्द मेडिकल फाउंडेशन और रिसर्च सेंटर के विवेकानन्द कैंसर और सुपर स्पेशलिटी एक्सटेंशन अस्पताल का उद्घाटन किया। उद्घाटन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. के सरसंघचालक मोहन भागवत भी मौजूद रहे। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “हमारी पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के निवारक और प्रोत्साहन दृष्टिकोण ने आज के आधुनिक युग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो हाल की महामारी जैसे संकट में महत्वपूर्ण साबित हुई है।”
साथ ही डॉ. मंडाविया ने इस बात पर बल दिया कि विश्व में बहुत से स्वास्थ्य मॉडल हैं, तथापि भारत को भारतीय आनुवंशिकी के अनुरूप अपने स्वयं के स्वास्थ्य मॉडल को सुदृढ़ करना चाहिए, और अपने भूगोल से संबंधित बीमारियों के महाद्वीपीय पैटर्न पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि “हमें अपनी जड़ों और जीवनशैली, खान-पान में निहित जीवन जीने के उन पारंपरिक तरीकों पर विचार करना चाहिए जो उन दिनों आदर्श थे, और उनमें भी हमें आज प्रचलित कई स्वास्थ्य विषयक प्रश्नों का समाधान मिलेगा।”
पिछले पांच वर्षों में कैंसर और मानसिक स्वास्थ्य रोगियों में वृद्धि पर विचार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि “रहन-सहन और भोजन की पारंपरिक प्रणाली कई प्रकार की औषधीय अंतर्दृष्टियां प्रदान करती है और आज के स्वास्थ्य देखभाल परिदृश्यों में इन चिंताजनक परिवर्तनों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत की विरासत और भारत के स्वास्थ्य मॉडल की जड़ें विभिन्न बीमारियों का मुकाबला करने और उनका उपचार करने के लिए पर्याप्त ज्ञान रखती हैं।