अमेरिकी सीनेट में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरे महाभियोग की सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स की जगह वरिष्ठ सीनेटर पैट्रिक लीहाइ कर रहे हैं। ट्रंप के खिलाफ संसद पर पिछले महीने की छह तारीख को हुए हमले के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप है।
अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने पिछले महीने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को पारित कर दिया था। लेकिन डेमोक्रेटिक सदस्यों की तरफ से लाए गए प्रस्ताव का सीनेट में पारित होना मुश्किल है, क्योंकि इसके लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। जबकि, 100 सदस्यीय सीनेट में ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के 50-50 सदस्य हैं।
वर्मोंट के पैट्रिक लीहाइ सीनेट में राष्ट्रपति के प्रो-टेंपोर हैं। इसका मतलब यह होता है कि उन्हें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की अनुपस्थिति में सीनेट के सत्र की अध्यक्षता करने का अधिकार है। संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में महाभियोग पर सुनवाई होती है। सीनेट के सबसे लंबे समय तक सदस्य रहने वाले लीहाइ ने पिछले दिनों कहा था कि वह ट्रंप के खिलाफ होने वाली महाभियोग सुनवाई की अध्यक्षता करेंगे। वैसे तो लीहाइ ने निष्पक्ष रहने का भरोसा दिया है, लेकिन ट्रंप के वकीलों ने इस व्यवस्था की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की जगह अब मुकदमे की सुनवाई एक पक्षपाती और सीनेट द्वारा की जाएगी।
उधर, जॉर्जिया में ट्रंप के विवादित फोन कॉल की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने जॉर्जिया प्रांत के मुख्य चुनाव अधिकारी पर दबाव बनाया और कहा कि उनकी हार को पलटने के लिए पर्याप्त वोटों की व्यवस्था करें। ट्रंप ने फोन कर करीब एक घंटे तक बात की थी और एक तरह से यह धमकी भी दी कि अगर ऐसा नहीं किया तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा।