छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 18 से 44 साल की उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने बुधवार देर रात अगले आदेश तक रोक लगाने का ऐलान किया है। सरकार ने यह फैसला हाई कोर्ट की आपत्ति के बाद लिया। हाई कोर्ट ने सरकार के उस फैसले पर आपत्ति जताई थी, जिसमें सबसे पहले आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का वैक्सीनेशन पहले किया जा रहा था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 मई से 18 से 45 साल की उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था। वैक्सीनेशन में सरकार ने अंत्योदय कार्डधारकों को प्राथमिकता दी और सबसे पहले इस वर्ग का टीकाकरण शुरू किया। सरकार के इस फैसले के बाद भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ ने सरकार पर वर्ग विशेष को आरक्षण देने का आरोप लगाया था। इस पर भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया। इसको लेकर हाई कोर्ट में याचिका भी लगा दी गई। इस याचिका पर हाई कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को वैक्सीनेशन की स्पष्ट पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए। इसकी अगली सुनवाई सात मई को होगी।
हाई कोर्ट की इस सुनवाई के बाद राज्य सरकार ने टीकाकरण स्थगित कर दिया। सरकार ने अपने आदेश में यह स्पष्ट लिखा कि राज्य सरकार ने कोर्ट को जवाब प्रस्तुत करने में संभावित देरी को देखते हुए यह फैसला लिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के जारी आदेश में कहा गया है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित की है।
न्यायालय ने विभाग के 30 अप्रैल के आदेश को संशोधित करने को कहा है। कोर्ट के निर्देश के अनुसार राज्य शासन को पूरी जानकारी तैयार करने में समय लगने की संभावना है। ऐसे में यदि टीकाकरण जारी रखा गया तो यह न्यायालय की अवमानना होगी, इसलिए आदेश को संशोधन किए जाने तक टीकाकरण को स्थगित किया जाता है. इससे पहले याचिकाकर्ताओं द्वारा इसे संवैधानिक अधिकारों के विपरीत बताया था। राज्य शासन के जवाब पर हाई कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि पूरे राज्य में लॉकडाउन है, ऐसे में गरीब तबके को बाहर निकलने से रोकना शासन की जिम्मेदारी है।