अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के पाकिस्तान अपने यहां सक्रिय आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को लेकर चिंतित हो गया है। अब तब टीटीपी अफगानिस्तान में तालिबान की मदद कर रहा था। मगर यह पाकिस्तान के लिए खतनाक हो सकता है। लिहाजा अब पाकिस्तान तालिबान के सामने गिड़गिड़ा रहा है कि उसे टीटीपी से बचा ले।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शेख राशिद ने कहा कि तालिबान से इस संबंध में बात की गई है। वे अफगानिस्तान की धरती को टीटीपी की गतिविधियों का ठिकाना न बनने दे। हाल ही में टीटीपी के कमांडरों को अफगानिस्तान की जेलों से रिहा किया गया है। इनमें टीटीपी का पूर्व डिप्टी चीफ मौलाना फकीर मुहम्मद भी शामिल है। आतंकी संगठन टीटीपी और आइएस के आतंकी अफगानिस्तान के नूरिस्तान और निगार में अपने ठिकाने बनाए हुए हैं। पूर्व में पाकिस्तान तालिबान और टीटीपी के डर की वजह से ही अमेरिका को सहयोग करता था। अब स्थितियां बदल गई हैं।
टीटीपी ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण के लिए अफगान तालिबान को बधाई देते हुए इसे पूरे इस्लामी दुनिया की जीत बताया है। टीटीपी के प्रवक्ता मुहम्मद खोरासानी ने अफगान तालिबान के प्रति अपनी निष्ठा को दोहराया और इस्लामिक एमीरेट्स आफ अफगानिस्तान को मजबूत करने और उसे समर्थन जारी रखने की बात कही है। दरअसल, तालिबान के अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद से पड़ोसी पाकिस्तान भी डरा हुआ है। उसे लगता है कि नई परिस्थितियों में टीटीपी और अधिक मजबूत होगा और इससे देश में आतंकी गतिविधियों में इजाफा होगा।