विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नगरी की लापरवाही
रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन विकासखण्ड नगरी के शिक्षकों के कार्यों के प्रति ,लगातार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी और शिक्षा कार्यालय की लापरवाही उजागर हो रही है। ऐसा ही संवेदनहीनता का एक प्रकरण की शिकायत शिक्षक द्वारा तीन बार आवेदन देकर अधिकारियों और संगठन से की गई है। माध्यमिक शाला देवपुर में शिक्षक एल.बी. के पद पर कार्यरत भूषण नाग की माता जी का इलाज विगत साल भर से जारी था,जिनके द्वारा मार्च 2020 में अपनी मां का इलाज शासन द्वारा मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल से कराने के बाद चिकित्सा प्रतिपूर्ति का बिल जिला कार्यालय में प्रस्तुत किया गया,जिसका आबंटन देयक स्वीकृति जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय धमतरी के आदेश क्रमांक/बजट/पु. आबंटन/ चि. दे.प्र./2021-22 , 6507 धमतरी दिनांक 06.08.2021 को विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यलय नगरी को जारी किया गया था। इसमें तीन दिवस के भीतर कोषालय में बिल प्रस्तुत करने के निर्देश दिया गया था,किंतु उच्च कार्यालय के आदेश के अवहेलना कर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नगरी द्वारा एक माह बाद 13.9.2021 को बिल प्रस्तुत किया गया, जिस बिल पर जिला कोषालय धमतरी द्वारा कार्योत्तर स्वीकृति का आपत्ति लगाकर देयक वापस किया गया। इस पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नगरी द्वारा आपत्ति निराकरण के बाद अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में बिल प्रस्तुत किया गया,जिस पर पुन:वर्तमान में हॉस्पिटल की मान्यता अवधि खत्म होने संबंधी आपत्ति लगाकर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नगरी को देयक भेज दिया गया है, जबकि वर्तमान में भी हॉस्पिटल को शासन की मान्यता प्राप्त है। नियमानुसार समस्त आपत्तियां एक बार में ही उल्लेखित कर कोषालय द्वारा बिल वापस किया जाता है,किंतु इस प्रकरण में बार-बार अलग-अलग आपत्ति लगाकर बिना कोषालय अधिकारी के हस्ताक्षर से आपत्ति लगाकर परेशान किया जा रहा रहा है। इस प्रकार देयक बिल और शिक्षक को कोषालय धमतरी और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नगरी का चक्कर लगवाने मजबूर किया जा रहा है। इसी बीच शिक्षक द्वारा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नगरी, जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी को लगातार 2 माह से तीन बार आवेदन के माध्यम से मां के बेहतर इलाज के लिए बिल की राशि भुगतान का निवेदन किया जा रहा था पर किसी भी अधिकारी द्वारा इस पर गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ ध्यान नहीं दिया गया। शिक्षक की मां के इलाज में लगभग 6-7 लाख रु खर्च होने के बाद दो लाख पच्यासी हजार रुपये के देयक भुगतान की समस्या के चलते दिनांक 14.10.2021 को निधन हो गया,जिस पर संगठन द्वारा कोषालय में भी बिल पर आपत्ति पर उचित कार्यवाही करने का निवेदन किया गया है।
चिकित्सा देयक हर बार आपत्ति के बाद लंबे समय के बाद ही निराकृत किया जाता
शिक्षक संगठन नगरी के इस प्रकार के चिकित्सा देयक हर बार आपत्ति के बाद लंबे समय के बाद ही निराकृत किया जाता है जो कि संदेह को उजागर करता है। पूर्व में भी पुष्पलता साहू शिक्षक एल .बी के चिकित्सा देयक पर भी इसी प्रकार कई महीनों के चक्कर लगावाने के बाद ही राशि का भुगतान किया गया है। प्रस्तुत देयक से पुष्टि की जा सकती है। इस प्रकार छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन नगरी के शिक्षकों के साथ अन्याय पूर्वक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा उदासीनता के साथ कार्यवाही कर संगठन के शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है,जिस पर संगठन द्वारा जल्द उग्र कदम उठाया जाएगा।
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