मोदी सरकार नए साल में ओपन नेटवर्क आफ डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी) की शुरुआत कर विदेशी ई-कामर्स की मनमानी पर लगाम लगाने जा रही है। यानी अब देश में विदेशी ई-कामर्स कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी। 14 जनवरी को स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक के दौरान सरकार ओएनडीसी की डिजिटल रणनीति जारी करने जा रही है। ताकि जल्द से जल्द इस स्टार्टअप नेटवर्क को शुरू किया जा सके। इस नेटवर्क से देश के सभी रिटेल विक्रेताओं को आनलाइन कारोबार करने का समान अवसर मिलेगा और फिर किसी खास कंपनी की आनलाइन कारोबार में मनमानी नहीं रह पाएगी। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) के प्रयास से ओएनडीसी को लाया जा रहा है।
विभाग के सचिव अनुराग जैन ने रविवार को स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक की जानकारी के दौरान बताया कि ओएनडीसी के बारे में 14 जनवरी को विस्तृत जानकारी दी जाएगी। आगामी 10 जनवरी से लेकर 16 जनवरी तक स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक का आयोजन किया जा रहा है। सरकारी अनुमानों के मुताबिक वर्ष 2026 तक भारत में ई-कामर्स का कारोबार 200 अरब डॉलर का हो जाएगा। भारत में 60 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन धारक है और 4जी के बाद इस साल 5जी की शुरुआत होने पर ई-कामर्स की पूरी तस्वीर बदल जाएगी।
डीपीआईआईटी सूत्रों के मुताबिक ओएनडीसी के माध्यम से ई-कामर्स ओपन सोर्स हो जाएगा और उस पर सभी आनलाइन रिटेलर्स कारोबार कर सकेंगे। ओएनडीसी के प्रबंधन के लिए एक प्रबंधक कमेटी होगी जिन्हें ई-कामर्स और तकनीक की पूरी जानकारी होगी और वे सभी रिटेल कारोबारियों को इस प्लेटफार्म पर कारोबार करने में एक समान मदद करेंगे। यह कमेटी डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क मुहैया कराने के साथ कारोबारियों के सर्टिफिकेशन, उनका पंजीकरण और शिकायतों के निपटान जैसे काम भी करेगी। देश के एसएमई को मदद करने के लिए ओएनडीसी प्लेटफार्म पर अलग से एप लाए जा सकते हैं। ओएनडीसी नेटवर्क पर खरीदारों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। वे बिना प्लेटफार्म बदले अधिक से अधिक आनलाइन रिटेल से खरीदारी कर सकेंगे। सूत्रों के मुताबिक ओएनडीसी से जोड़ने का काम भी सरकार के स्तर पर किया जाएगा।