रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ जांजगीर जिले में भी हालात चिंताजनक हो गए हैं। ज्यादातर फ्रंटलाइन वर्कर्स कोरोना के चपेट में आ रहे हैं। सिर्फ जांजगीर जिला अस्पताल में 15 डॉक्टर समेत 43 स्टाफ हफ्तेभर में संक्रमित हो चुके हैं। जिसके चलते सामान्य मरीजों से लेकर कोविड मरीजों के लिए भी परेशानी काफी बढ़ गई है। जिले की 17 लाख की आबादी इसी जिला अस्पताल पर निर्भर है। कोंडागांव में नवोदय स्कूल के 17 छात्र और 5 शिक्षक कोरोना की चपेट में आ गए हैं। इसके साथ ही आईटीबीपी के 31 और सीआरपीएफ का एक जवान पॉजिटिव मिले हैं। इधर कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर रायपुर जिला प्रशासन ने बिना मास्क घूमने वालों पर 100 रुपए की फाइन लगाने का निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही कानूनी कार्रवाई तक का प्रावधान किया गया है। होम आइसोलेशन में नहीं रहने पर भी अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। इधर कवर्धा में सरकारी नर्सिंग कॉलेज के 12 छात्र कोरोना संक्रमित हो गए हैं। जिसके चलते कलेक्टर ने कॉलेज को कंटेनमेंट जोन बनाकर आसपास के इलाके को सील कर दिया है। वहीं नारायणपुर में 10 बजे से सुबह 6 बजे तक के लिए नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर में मौत का आंकड़ा रोज बढ़ रहा है। गुरुवार को प्रदेश भर में सात मरीजों की मौत हो गई। तीसरी लहर के दौरान यह पहली बार हुआ है जब एक दिन में इतनी मौत दर्ज हुई है। डेथ आॅडिट रिपोर्ट से सामने आया है कि दूसरी लहर की तरह इस बार सांस फूलने अथवा शरीर में आॅक्सीजन की कमी से मौत का आंकड़ा बेहद कम है। कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई है, उनके शवों से सैंपल लेकर ओमिक्रॉन की जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा जाएगा। इसकी पुष्टि बालौद के सीएचएमओ ने की है। उन्होंने एक महिला का सैंपल भी भिजवाया है।
इस बार वायरस का स्वभाव बदला हुआ
डॉ. भीमराव आम्बेडकर अस्पताल में क्रिटिकल केयर विभाग के प्रमुख डॉ. ओपी सुंदरानी ने बताया, इस बार वायरस का स्वभाव बदला हुआ है। दूसरी लहर के दौरान अस्पताल पहुंचने वाले 90% लोगों को आॅक्सीजन की कमी महसूस हो रही थी। उनकी सांस फूल रही थी। शरीर में आॅक्सीजन की मात्रा गिर चुकी होती थी। अभी ऐसे केस लगभग नहीं के बराबर आ रहे हैं। अभी अस्पताल के कोविड कउव में 18 लोग भर्ती हैं तो उनमें से 15 लोग ऐसे हैं, जिन्हें दूसरी बीमारियों अथवा एक्सीडेंट की वजह से लाया गया था। यहां टेस्ट हुआ तो वे कोविड-पॉजिटिव आए। डॉ. सुंदरानी ने बताया, पिछले दिनों जो मौतें हुईं उसमें एक मरीज के पूरे शरीर में कैंसर फैल गया था। दो मरीजों को ब्रेन हैमरेज था जबकि एक मरीज को एक्सीडेंट में सिर की चोट की वजह से लाया गया था। बताया जा रहा है, अभी तक हुई मौतों में अधिकतर की अधिक उम्र, दूसरी गंभीर बीमारियों और बेहद कमजोर प्रतिरोधक क्षमता की वजह से ही जान गई है।
जो रफ्तार है उससे 15-20 दिनों में पीक की आशंका
डॉ. ओपी सुंदरानी ने बताया, अभी प्रदेश में 5 हजार-6 हजार मरीज रोजाना मिल रहे हैं। जिस मान से मरीज मिल रहे हैं उससे संभावना है कि अगले 15-20 दिनों में यह लहर अपने पीक पर पहुंच जाए। आशंका जताई जा रही है कि पीक पर पहुंचने तक 20-25 हजार मरीज रोजाना मिलने लगेंगे। उसके बाद संक्रमण की तीव्रता कम होती जाएगी।