रायपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत पंजीकृत ऐसे सभी जोड़े जिनका लॉकडाउन के दौरान विवाह हो गया है, उन्हें योजना का लाभ देने के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा है। ताकि कोरोना काल में दम्पत्तियों को नवविवाहित जीवन की शुरूआत के लिए शासन स्तर से मदद दी जा सके। शेष पंजीकृत जोड़ों के विवाह लिए कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। भेंड़िया ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को उपरोक्त निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली, संरचनात्मक ढांचे सहित योजनाओं के कियान्वयन के संबंध में विस्तार से जानकारी ली।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के पहले मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत कई जोड़ों ने पंजीयन कराया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण मार्च माह से लॉकडाउन लागू होने से सामूहिक विवाह आयोजन नहीं कराया जा सका। बैठक में महिला बाल विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., संचालक दिव्या उमेश मिश्रा सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की समीक्षा करते हुए भेंड़िया ने कहा कि छत्तीसगढ़ से कुपोषण मुक्ति प्राथमिकता से जुड़ा महत्वपूर्ण अभियान है। कोरोना संक्रमण काल में भी किसी बच्चे या महिला के पोषणस्तर में कमी न हो इसके लिए सभी जिलों में जवाबदेही के साथ नियमित टेक होम राशन और रेडी-टू-ईट का वितरण सुनिश्चित करें। रेडी-टू-ईट की गुणवत्ता की नियमित जांच कराई जाए। जिस जिले में सी.एस.आर. या अन्य मदों से पूर्ति नहीं हो पा रही उसके लिए राज्य स्तर पर बजट और सहयोग राशि दें, जिससे नियमित रूप हितग्राहियों को पोषण आहार मिलता रहे। इसमें लापरवाही बरतने पर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए टेक होम राशन वितरण की मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए।