ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने भारत को ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद की पेशकश करते हुए कहा कि उनका देश तेल और गैस के निर्यात के लिए रुपया -रियाल व्यापार फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। चेगेनी ने कहा कि अगर दोनों देश रुपया-रियाल व्यापार फिर से शुरू करते हैं, तो द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डालर तक पहुंच सकता है। ईरान, भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था, लेकिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बाद नई दिल्ली को आयात रोकना पड़ा।
एमवीआइआरडीसी विश्व व्यापार केंद्र द्वारा यहां जारी एक बयान में चेगेनी के हवाले से कहा गया, ‘ईरान तेल और गैस के निर्यात के लिए रुपया-रियाल व्यापार शुरू करके भारत की ऊर्जा सुरक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है।” उन्होंने आगे कहा, ‘रुपया-रियाल व्यापार तंत्र दोनों देशों की कंपनियों को एक-दूसरे के साथ सीधे सौदा करने और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता लागत से बचने में मदद कर सकता है।”
नई दिल्ली और तेहरान के बीच व्यापार निपटान के लिए एक विनिमय तंत्र था, जिसमें भारतीय तेल आयातक एक स्थानीय ईरानी बैंक को रुपये में भुगतान कर रहे थे और इस धन का उपयोग करते हुए तेहरान, भारत से आयात कर रहा था। राजदूत ने यह भी कहा कि तेहरान भारत में प्राकृतिक गैस के परिवहन के लिए रुकी हुई ईरान-पाकिस्तान-भारत पाइपलाइन परियोजना को पुनर्जीवित करने और वैकल्पिक मार्ग खोजने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करने का भी इच्छुक है।