विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट, 2022 में कहा गया है कि भारत में वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे बड़ा कारक है और इससे होने वाला नुकसान प्रतिवर्ष लगभग 114 खरब रुपये (150 अरब डालर) है।
रिपोर्ट को स्विस संगठन आइक्यूएयर ने तैयार किया है और मंगलवार को इसे दुनियाभर में जारी किया गया। इसके मुताबिक, भारत में पीएम 2.5 का स्तर कोविड महामारी की शुरुआत में लगाए गए लाकडाउन से पहले के स्तर (2019) पर पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वायु प्रदूषण के बड़े स्रोतोंं में वाहनों से उत्सर्जन, ऊर्जा उत्पादन, औद्योगिक कचरा, खाना पकाने के लिए बायोमास का दहन, निर्माण क्षेत्र और पराली जलाने जैसी घटनाएं शामिल हैैं। रिपोर्ट का अनुमान है कि शहरी क्षेत्रों के कुल पीएम 2.5 में 20 से 35 प्रतिशत योगदान वाहनों से निकले धुएं का होता है। साथ ही इसमें भारत में वाहनों की वार्षिक बिक्री में बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है जो 2030 तक 1.05 करोड़ पहुंच सकती है।