मध्य प्रदेश के खरगोन और बड़वानी में रामनवमी पर हुए दंगों के बाद इंटरनेट मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इस बारे में एक पक्ष का कहना है कि विशेष समुदाय की आबादी वाले क्षेत्र से जुलूस और शोभायात्रा आदि नहीं निकालनी चाहिए। इसके विपरीत दूसरे पक्ष के सवाल हैं कि क्या देश में शहरों, कस्बों और मोहल्लों को धार्मिक आधार पर बांटकर देखा जाएगा और पर्व मनाने की इजाजत नहीं होगी?
इंटरनेट मीडिया पर ऐसे विवादास्पद कमेंट लिखकर हिंदू त्योहार पर रोक जैसा नेरेटिव सेट (संदेश देने की कोशिश) करने के प्रयास हो रहे हैं। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि आखिर हिंदू त्योहारों पर क्षेत्र विशेष में उपासना स्थल के पास ही दंगे क्यों होते हैं? क्या इन क्षेत्रों में हिंदू पर्व के जुलूस आदि पर रोक नहीं लगा देना चाहिए? ऐसे सुझावों पर प्रतिक्रिया भी तीखी है। कई लोग कह रहे हैं कि ऐसे तो एक दिन हिंदू धर्म ही खतरे में पड़ जाएगा। पहले क्षेत्र विशेष में रोक, फिर त्योहार या उत्सव मनाने पर ही रोक और फिर हिंदू धर्म ही समाप्त।
टि्वटर पर नेहा जोशी ने एक ऐसे ही पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा कि क्षेत्र विशेष का क्या अर्थ है? क्या देश में श्ाहरों को धर्म के आधार पर बांटेंगे? इसी तरह आनंद रंगनाथम लिखते हैं कि किसी क्षेत्र विशेष में घुसने के लिए हिंदुओं को दोष देना ठीक नहीं है। क्या आप फिर से भारत का विभाजन चाहते हैं? इधर, पुलिस भी इंटरनेट मीडिया पर ऐसे बयानों और उस पर प्रतिक्रियाओं पर नजर बनाए हुए है।