
आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन श्रीमद्भागवत, महाभारत, ब्रह्मसूत्र, मीमांसा के अलावा 18 पुराणों के रचियाता माने जाने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। इन्हें सनातन धर्म में प्रथम गुरु का दर्जा प्राप्त है। इन्हीं के जन्म दिवस को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है। जानिए इस दिन किन उपायों को करने से भाग्य में वृद्धि होने की है मान्यता और क्या है पूजा विधि…
शुभ मुहूर्त
प्रत्येक वर्ष हिन्दू वर्ष के चौथे महीने आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। इस साल ये पर्व 24 जुलाई को शनिवार के दिन मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 जुलाई को शुक्रवार की सुबह 10 बजकर 45 मिनट से हो चुकी है और 24 जुलाई को शनिवार की सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। ऐसे में गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई मनाया जाएगा। उदिया तिथि होने के कारण दिनभर पूजा की जा सकेगी।
गुरु पूर्णिमा पूजा
इस दिन सुबह उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। लेकिन कोरोना काल में बेहतर होगा कि आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें। इस दिन भगवान विष्णु के समक्ष दीपक जलाकर उनके वैदिक मंत्र का जान करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन भगवान को खीर का भोग लगाएं। जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान जरूर करें। इस दिन बरगद के पेड़ की भी पूजा करनी चाहिए।
इस मंत्र का करें जप
-गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
-ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।
-ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।
-ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।
-ॐ गुरुभ्यो नम:।
इन उपाय को करें आज
मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु दोष है तो बृहस्पति मंत्र ‘ऊं बृं बृहस्पतये नमः’ का जप गुरु पूर्णिमा के दिन करना चाहिए। आप इस मंत्र का अपनी श्रद्धा के अनुसार 11, 21, 51 या फिर 108 बार जप कर सकते हैं।
– किसी भी कार्य में सफलता के लिए इस दिन भगवान कृष्ण के सामने गाय के घी का दीपक जलाकर उनसे अपने मन की बात कह दें। ऐसे करने से बिगड़े हुए काम बनने की मान्यता है।
-गुरु पूर्णिमा के दिन पर पीपल के पेड़ की जड़ों में मीठा जल चढ़ाने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसने की मान्यता है।
ज्योतिषशास्त्र अनुसार अगर करियर में तरक्की न हो रही हो तो उसके लिए इस दिन किसी जरूरतमंद को पीली चीजें दान करनी चाहिए। जैसे चने की दाल, बेसन, पीला वस्त्र और पीली मिठाई या फिर गुड़। अगर पुखराज दान कर सकते हैं तो किसी योग्य व्यक्ति को उसका दान जरूर करना चाहिए।
-जिन विद्यार्थियों की पढ़ाई में दिक्कतें आ रही हैं उन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन गीता पाठ जरूर करना चाहिए। अगर पूरी गीता पढ़ना संभव न हो तो आप गीता के किसी एक अध्याय का भी पाठ कर सकते हैं। इसके अलावा एक दूसरा उपाय ये है कि भगवान श्रीकृष्ण की विधि विधान पूजा-अर्चना करके गाय माता की सेवा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से विद्यार्थियों के जीवन में आने वाली सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
-इस दिन शाम को तुलसी के पौधे के सामने शुद्ध देशी घी का दीपक जलाने से सौभाग्य की प्राप्त होने की मान्यता है।