
मोदी सरकार ने अब कई सरकारी कंपनियों (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग-PSU) के साथ ही सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों और बैंकों के निजीकरण की तैयारी शुरू कर दी है। LIC और एक नॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को छोड़कर बाकी सभी इंश्योरेंस कंपनियों में अपनी पूरी हिस्सेदारी किस्तों में बेच सकती है। अभी कुल 8 सरकारी इंश्योरेंस कंपनियां हैं। LIC के अलावा 6 जनरल इंश्योरेंस और एक National Reinsurer कंपनी है।
दूसरी तरफ सरकार का बैंको के भी प्राइवेटाइजेशन का भी प्लान है। बताया जाता है कि इस पर PMO, वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के बीच सहमति बन चुकी है। साथ ही कैबिनेट ड्रॉफ्ट नोट भी तैयार है। इस प्रस्ताव के मुताबिक LIC और एक Non Life Insurace कंपनी सरकार अपने पास रखेगी। बारी कंपनियों को बेच दिया जाएगा। यानी 5 सरकारी बैंकों को छोड़ बाकी सभी बैंकों का निजीकरण किया जा सकता है। पहले चरण में बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक में हिस्सेदारी बेची जा सकती है। 5 बैंकों को छोड़ बाकी सभी बैंकों निजीकरण की योजना को तहत बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी चरणों में बेचने का प्रस्ताव है। सबसे पहले Bank of Maharashtra, IOB में सरकार का हिस्सा बिक सकता है। Bank of India व Central Bank of India और पंजाब ऐंड सिन्ध बैंक का निजीकरण संभव है। UCO Bank में भी सरकारी हिस्सेदारी बेची जा सकती है। बता दें कि मौजूदा समय में देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक हैं।