कनाडा के शोधार्थियों ने आइलेट सेल प्रत्यारोपण कार्यक्रम का विकास करते हुए दावा किया है कि यह टाइप-1 डायबिटीज को नियंत्रित करने का सुरक्षित, विश्वसनीय व क्रांतिकारी उपचार हो सकता है। आइलेट सेल कोशिकाओं का वह समूह है, जो इंसुलिन का उत्पादन करता है। इंसुलिन शरीर में भोजन से प्राप्त ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करता है। वह खाने से प्राप्त अधिक ऊर्जा को संरक्षित करते हुए भोजन के अंतराल में शरीर को गतिशील रहने में सक्षम बनाता है। टाइप-1 डायबिटीज में प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आइलेट सेल को नष्ट कर देती हैै। इसके कारण मरीज को इंजेक्शन के जरिये इंसुलिन लेना पड़ता है। जिन मरीजों को लो या हाई ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मुश्किल होती, उन्हें जान का भी खतरा हो सकता है। ऐसे लोगों को दीर्घकालिक जटिलताओं का भी सामना करना पड़ता है। यूनिवर्सिटी आफ अल्बर्टा में सर्जरी के प्रोफेसर जेम्स शापिरो के अनुसार, ‘हमने अपने शोध में स्पष्ट तौर पर पाया कि जिन मरीजों को टाइप-1 डायबिटीज के नियंत्रण् में परेशानी होती है, उनके लिए आइलेट सेल का प्रत्यारोपण प्रभावी इलाज हो सकता है। सुरक्षा संबंधी दीर्घकालिक आंकड़े विश्वास पैदा करते हैैं कि हमारा काम सही है।” अध्ययन निष्कर्ष द लैैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलाजी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।