शोधकर्ताओं को एक ऐसे प्रोटीन की पहचान करने में सफलता मिली है, जिससे डायबिटीज जैसी बीमारियों के खतरे को भांपने में आसानी हो सकती है। उन्होंने प्रोस्टासिन नामक प्रोटीन की पहचान की है। जिन लोगों में यह प्रोटीन उच्च स्तर पर हो जाता है, उनमें डायबिटीज का जोखिम सबसे ज्यादा हो सकता है।
डायबेटोलोजिया पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के नतीजों से यह भी संकेत मिलता है कि ब्लड शुगर और प्रोस्टासिन का उच्च स्तर ज्यादा घातक हो सकता है। इस स्थिति में कैंसर से मौत का सर्वाधिक खतरा हो सकता है।
अध्ययन में सबसे पहले अधेड़ उम्र के चार हजार से ज्यादा वयस्कों में प्रोस्टासिन ब्लड लेवल और कैंसर से होने वाली मौत के बीच जुड़ाव की जांच की गई। स्वीडन के वयस्कों पर यह अध्ययन एक दशक से ज्यादा समय तक किया गया। इसके बाद डायबिटीज को लेकर अध्ययन किया गया।
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता गुनर एंगस्ट्राम ने कहा, ‘यह एक व्यापक विश्लेषण है, जिसमें डायबिटीज और कैंसर के बीच जैविक जुड़ाव पर एक नई रोशनी पड़ती है। प्रोस्टासिन इस बात का संकेत हो सकता है कि बीमारी हो सकती है।”