उत्तराखंड के आपदा प्रभावित जोशीमठ शहर को नए सिरे से बसाने के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की ने कार्ययोजना बनाने के साथ ही कुछ सुझाव भी दिए हैं। इसके अंतर्गत कम लागत पर भूकंपरोधी एवं बेहतर पक्के भवनों का निर्माण किया जा सकता है। वहीं, नए जोशीमठ के लिए शहरी विकास योजना के माडल को अपनाए जाने का प्रस्ताव भी दिया है।
भूधंसाव के कारण जोशीमठ का लगभग 40 प्रतिशत क्षेत्र आपदाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। यहां जमीन, सड़क और भवनों पर दरारें आई हुई हैं। इसे देखते हुए सीबीआरआई रुड़की के विज्ञानियों की अलग-अलग टीम लगातार जोशीमठ के आपदा प्रभावित इलाकों में निरीक्षण एवं सर्वे कर रही हैं। वहीं, संस्थान के विज्ञानियों की टीम ने सरकार को जोशीमठ आपदा के स्थायी समाधान का सुझाव भी दिया है।
विज्ञानियों का कहना है कि नए सुरक्षित स्थान का चयन कर शहर को बसाया जा सकता है। इसके लिए अर्बन प्लानिंग की जरूरत होगी। सीबीआरआई यहां के भौगोलिक और पर्यावरणीय दृष्टि के आधार पर सुरक्षित एवं कम लागत वाली तकनीक का इस्तेमाल कर भवन निर्माण कार्य करने में सरकार की मदद कर सकता है।
वहीं, सीबीआरआई मौसम के अनुकूल भवनों का निर्माण करेगा। इसमें स्थानीय निर्माण सामग्री और कौशल का इस्तेमाल किया जाएगा। सीबीआरआई के विज्ञानियों की टीम जोशीमठ में चार हजार भवनों में नुकसान का आकलन भी कर रही है। जोशीमठ में निरीक्षण के लिए गई टीम में शामिल संस्थान के विज्ञानी डा. अजय चौरसिया ने बताया कि आपदाग्रस्त जोशीमठ शहर को नए सिरे से बसाने को लेकर सीबीआरआई रुड़की ने कार्ययोजना बनाने के साथ ही सरकार को कुछ सुझाव भी दिए हैं।
प्रभावितों के लिए अनुकूल-सुरक्षित साबित होंगे प्री-फेब्रिकेटेड घर
सीबीआरआई के विज्ञानियों ने सरकार को सुझाव दिया है कि प्री-फेब्रिकेटेड घर वजन में हल्के होने के कारण इन्हें इस तरह एसेंबल्ड किया जाएगा कि आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके। इस फ्रेम का साइज 2.4 मीटर और आठ फीट से अधिक नहीं होगा। विज्ञानियों के अनुसार इस डिजाइन से निर्मित एक मंजिला भवन 350 वर्ग फीट, 500 वर्ग फीट और 750 वर्ग फीट का निर्मित किया जा सकता है। इसी तरह विज्ञानियों ने यहां हास्पिटल और कम्युनिटी हाल निर्मित करने की भी योजना तैयार की है।
वन और टू बीएचके होंगे प्री-फेब्रिकेटेड भवन
सीबीआरआई के विज्ञानियों का कहना है कि जोशीमठ के प्रभावितों के लिए सरकार को जिन प्री-फेब्रिकेटेड भवनों के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है वह वन और टू बीएचके होंगे। ये भवन भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन-पांच के अनुकूल सुरक्षित साबित होंगे और पूरी तरह हवादार भी होंगे। इन भवनों को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि यह 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं में भी सुरक्षित रहेंगे। इसमें बिजली-पानी की आपूर्ति लाइन भी होंगी और इसकी लागत महज 500 रुपये प्रति वर्ग गज होगी। प्री-फेब्रिकेटेड भवनों को अर्धकुशल श्रमिक भी एसेंबल कर सकता है।