अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनामिक जोन (एपीएसईजेड) ने रविवार को कहा कि सरगुजा रेल कारिडोर प्राइवेट लिमिटेड (एसआरसीपीएल) के अधिग्रहण की उसकी योजना को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंजूरी दे दी है। यह एक अप्रैल, 2021 की प्रभावी तिथि से लागू मानी जाएगी।
एपीएसईजेड ने एक बयान में कहा कि इस अधिग्रहण के बाद अब वह सभी रेल परिसंपत्तियों का संचालन अदाणी ट्रैक्स मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से करेगी। एपीएसईजेड ने कहा, ‘इस एकीकरण से एपीएसईजेड को भारतीय रेल की सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाओं में शामिल होने का मौका मिलेगा और अदाणी पोर्टफोलियो में शामिल समान कारोबारों से प्रतिस्पर्धा की स्थिति भी नहीं पैदा होगी।”” कंपनी वर्ष 2025 तक 2,000 किलोमीटर रेल (ट्रैक) का नेटवर्क स्थापित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। एपीएसईजेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी ने कहा कि राष्ट्रीय रेल योजना, 2020 के मुताबिक भारतीय रेल अगले 10 वर्षों में नई रेल पटरियां बिछाने पर करीब तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस लिहाज से यह अधिग्रहण एपीएसईजेड के लिए बड़ा कारोबार मूल्य लेकर आएगा। एपीएसईजेड के पोर्टफोलियो में फिलहाल 620 किलोमीटर ‘रेल” शामिल हैं और उसने अदाणी समूह की ही एक अन्य कंपनी से सरगुजा रेल का 70 किलोमीटर खंड लेने का प्रस्ताव रखा था।
एपीएसईजेड ने एक बयान में कहा कि इस अधिग्रहण के बाद अब वह सभी रेल परिसंपत्तियों का संचालन अदाणी ट्रैक्स मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से करेगी। एपीएसईजेड ने कहा, ‘इस एकीकरण से एपीएसईजेड को भारतीय रेल की सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाओं में शामिल होने का मौका मिलेगा और अदाणी पोर्टफोलियो में शामिल समान कारोबारों से प्रतिस्पर्धा की स्थिति भी नहीं पैदा होगी।”” कंपनी वर्ष 2025 तक 2,000 किलोमीटर रेल (ट्रैक) का नेटवर्क स्थापित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। एपीएसईजेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी ने कहा कि राष्ट्रीय रेल योजना, 2020 के मुताबिक भारतीय रेल अगले 10 वर्षों में नई रेल पटरियां बिछाने पर करीब तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस लिहाज से यह अधिग्रहण एपीएसईजेड के लिए बड़ा कारोबार मूल्य लेकर आएगा। एपीएसईजेड के पोर्टफोलियो में फिलहाल 620 किलोमीटर ‘रेल” शामिल हैं और उसने अदाणी समूह की ही एक अन्य कंपनी से सरगुजा रेल का 70 किलोमीटर खंड लेने का प्रस्ताव रखा था।