आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा पर भारत के तीसरा मिशन चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया गया। प्रक्षेपण के 16 मिनट बाद करीब 2.50 बजे 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रयान-3 राकेट से अलग हो गया। इसके बाद चंद्रयान-3 लगभग 3.84 लाख किलोमीटर की चंद्रमा यात्रा शुरू किया। इस चंद्रयान को चंद्रमा पर पहुंचने में करीब 40 दिन लगेंगे। लैंडर के 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 642 टन वजन वाला एलवीएम3 रॉकेट ने दोपहर बाद 2.35 बजे चंद्रयान के साथ उड़ान भरी। इस संबंध में इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है। रॉकेट का पहला चरण ठोस ईंधन द्वारा संचालित है। दूसरा चरण तरल ईंधन द्वारा संचालित है, जबकि तीसरे और अंतिम चरण में तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित क्रायोजेनिक इंजन है।
चंद्रयान-3 का उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की जमीन पर सुरक्षित उतारना है। उसके बाद रोवर प्रयोग करने के लिए बाहर निकलेगा। लैंडर से बाहर निकलने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा ले जाए गए पेलोड का जीवन तीन से छह महीने के बीच है। इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन एक चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है।