रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़ी महंगाई ने विश्व भर में 7.1 करोड़ और लोगों को गरीबी के भंवर में फंसा दिया। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद वैश्विक स्तर पर खाद्य पदार्थ और ऊर्जा का संकट गहराया गया, जिसने गरीबी की खाई को और बढ़ा दिया।
यूएनडीपी के आकलन के अनुसार, यूक्रेन युद्ध के बाद तीन महीने में 5.16 करोड़ लोग प्रति दिन 1.90 डालर या इससे कम में जीविकोपार्जन को विवश हैं। यह आंकड़ा विश्व की कुल जनसंख्या का नौ प्रतिशत है। इसके अलावा दो करोड़ और लोग गरीबी रेखा के नीचे आए जिनकी प्रतिदिन की आय 3.20 डालर है।
यूएनडीपी ने बताया कि महामारी के चलते 18 महीने में 12.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए थे, जबकि यूक्रेन युद्ध के दौरान तीन महीने में ही 7.1 करोड़ गरीबी रेखा के पास पहुंच गए। उल्लेखनीय है कि विश्वभर में पांच अरब से अधिक यानी विश्व की 70 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन को मजबूर है।