केंद्र सरकार ने गुरुवार रात एक बड़ा फैसला लेते हुए ‘अग्निपथ” योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती की अधिकतम उम्र 23 वर्ष कर दी है। इस योजना के तहत भर्ती की न्यूनतम आयु 17.5 वर्ष और अधिकतम आयु 21 वर्ष है, लेकिन इस साल के लिए अधिकतम उम्र की सीमा में दो वर्ष की छूट देते हुए इसे 23 वर्ष किया गया है। योजना को लेकर बढ़ते विरोध के बीच सरकार ने इससे जुड़े तथ्यों को भी स्पष्ट किया है।
योजना को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और आलोचनाओं को खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि इस योजना से न तो सेना की रेजीमेंट व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव होने जा रहा है और न ही सेना की क्षमता पर ही कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है। यह योजना सेना के साथ ही युवाओं के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी, क्योंकि चार साल की सेवा के बाद मिले आर्थिक पैकेज से युवाओं के सामने अपने भविष्य को संवारने के कई विकल्प होंगे।
सरकार ने ‘मिथक बनाम तथ्य” के नाम से एक दस्तावेज जारी कर योजना के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों और गलत सूचनाओं को दूर किया है। इसके अलावा सरकार की सूचना प्रसार इकाई यानी पत्र सूचना कार्यालय (पीआइबी) ने इंटरनेट मीडिया पर एक के बाद एक कई पोस्ट के जरिये भी स्थिति स्पष्ट की है।
पीआइबी ने कहा है कि इस योजना के तहत पहले साल जितने जवानों यानी अग्निवीरों की भर्ती की जा रही है वह सेना की कार्यबल क्षमता का मात्र तीन प्रतिशत ही है। साल दर साल भर्ती किए जाने वाले अग्निवीरों की संख्या बढ़ती जाएगी और आने वाले वर्षों में आज के मुकाबले यह संख्या तीन गुनी तक हो जाएगी। उसने यह भी साफ किया है कि सेना की रेजीमेंट व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है। बल्कि यह योजना सर्वश्रेष्ठ ‘अग्निवीरों” के चयन के साथ रेजीमेंट के बीच सामंजस्य को और मजबूत करेगी।
फेसबुक पोस्ट में पीआइबी ने कहा है, ‘यह योजना सशस्त्र बलों में नई गतिशीलता लाएगी। यह सेनाओं को नई क्षमता लाने और युवाओं के तकनीकी कौशल और नई सोच का लाभ उठाने का मौका देगी। इससे युवाओं को भी देश सेवा का मौका मिलेगा।”
चार साल की सेवा के बाद प्रत्येक अग्निवीर को ‘सेवा निधि पैकेज” से मिलने वाले 11.71 लाख रुपये के वित्तीय पैकेज का उल्लेख करते हुए पीआइबी ने कहा है कि इसे युवा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकेंगे और कोई उद्यम भी श्ाुरू कर सकेंगे। ऐसे युवाओं को बैैंक से लोन दिलाने में भी मदद की जाएगी और दूसरी जगह नौकरी की तलाश्ा में भी सहायता की जाएगी।
समाज के लिए ‘अग्निवीरों” को खतरा बताना सेना का अपमान
सरकारी अधिकारियों ने इस आलोचना को सख्ती से खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा है कि ‘अग्निवीर” समाज के लिए खतरा बन सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की बातें सेनाओं के लोकाचार और मूल्यों का अपमान है। अब तक हजारों लोग सेना से रियाटर हुए हैं लेकिन किसी के भी राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ मिलने के उदाहरण नहीं हैं।