एयर इंडिया 68 साल बाद आखिरकार फिर टाटा की हो गई है। टाटा ने सरकारी कंपनी एयर इंडिया की बोली जीत ली है। इस बोली में टाटा के सफल होने के बाद एयर इंडिया 67 साल बाद नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह के पास वापस आ गई है।
गौर हो कि टाटा ने साल 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी, लेकिन दूसरे विश्व युद्द के दौरान एयरलाइंस के परिचालन पर रोक लगा दी गई। जब विमान सेवाएं बहाल हुई तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस की जगह इसका नाम एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया था। 1947 में आजादी के बाद एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार के हाथ में चली गई थी और साल 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया।
टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। टाटा पहले से सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विमानन सेवा विस्तार का परिचालन कर रही है। सिंगापुर एयरलाइंस निजीकरण की प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर उत्सुक नहीं है। सरकार एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। इसमें एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एआई एक्सप्रेस लिमिटेड और 50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।