रायपुर/बिलासपुर- महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा और राज्सभा सांसद फूलोदेवी नेताम को छत्तीसगढ़ में सरकारी गेस्ट हाउस का टॉयलेट यूज नहीं करने दिया गया। गेस्ट हाउस के केयर टेकर ने उन्हें आचार संहिता का हवाला देकर रोक दिया। केयर टेकर ने टॉयलेट यूज करने के लिए SDM से परमिशन लाने को कहा। इसके बाद दोनों महिला नेता को बाहर दूसरी जगह जाकर टॉयलेट यूज करना पड़ा। इस पूरे मामले का वीडियो बनाकर अलका लांबा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। अलका लांबा ने अपने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में केयर टेकर उन्हें गेस्ट हाउस के अंदर जाने से मना करता हुआ नजर आ रहा है। खुद को छोटा कर्मचारी बताते हुए, साहब के आदेश पालन करने की बात कहता है। फिर उनसे कहता है कि SDM से इसके लिए बात कीजिए। वीडियो में अलका अपना और फूलोदेवी का परिचय भी दे रही हैं। केयर टेकर का नाम राजेंद्र यादव बताया जा रहा है। दरअसल, अलका लांबा अपने दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंची थीं। दौरे के दूसरे दिन शनिवार को उन्होंने बिलासपुर के कांग्रेस भवन में महिला कार्यकर्ताओं की बैठक ली और मीडिया से बात की। फिर वह छत्तीसगढ़ भवन पहुंची थीं। सारा विवाद वहीं का बताया जा रहा है। लांबा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘आज छत्तीसगढ़ में भाजपा की घृणित और महिला विरोधी मानसिकता का और उदाहरण सामने आया…बिलासपुर के छत्तीसगढ़ भवन के सरकारी गेस्ट हाउस में मुझे, प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और एक आदिवासी राज्यसभा सदस्य फूलोदेवी नेताम जी को आचार संहिता का हवाला देते हुए शौचालय का इस्तेमाल करने से रोका गया।’ ‘अंत: हमें सरकारी गेस्ट हाउस के बजाय बाहर किसी अन्य जगह पर जाना पड़ा। छत्तीसगढ़ की डबल इंजन भाजपा सरकार बताए कि चुनाव आयोग के किस नियम के तहत, महिलाओं द्वारा शौचालय का इस्तेमाल करना आचार संहिता का उल्लंघन है? चुनावी राजनीति के फेर में और कितना नीचे गिरेगी भाजपा?’ इस पूरी घटना को लेकर भाजपा नेता केदार गुप्ता ने कहा है कि अलका लांबा कर्मचारियों को बदनाम करना चाहती हैं। वो छोटे लोग हैं, उनको बदनाम करने के नीयत से अलका लांबा वहां पहुंची थी। ये उनकी साजिश थी, इसमें सरकार से क्या लेना देना? उन्हें कोई समस्या थी तो वो किसी अधिकारी से बात कर लेती।