चीन और ताइवान में तनाव के बीच अमेरिका अब खुलकर ताइवान के पक्ष में खडा हो गया है। दोनों देशों की सीमाओं पर बढ़ते तकरार के बीच अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया गया है। अमेरिकी स्टेट डिपोर्टमेंट ने ताइवान को 1.1 बिलियन यूएस डॉलर के हथियार बेचने की अनुमति दी है। इस हथियारों की खेप में आधुनिक मिसाइलें, सीमाओं की सुरक्षा की तकनीक आदि शामिल होंगे।
चीन भी सेना की ताकत लगातार बढ़ाने में लगा है। हाल ही में उसने कई रॉकेट फोर्स तैयार की हैं और उनके लिए अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर रहा है। उसकी मंशा ताइवान पर कब्जे की है, लेकिन अमेरिका अब चीन के रास्ते में आकर खडा हो गया है। जिस प्रकार दुनिया के कई देश रूस के खिलाफ यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं। इसी तरह ताइवान को चीन के खिलाफ हथियार देने की तैयारी शुरू हो गई है।
अमेरिका इस खेप में 85 मिलियन की साइडविंडर मिसाइलें ताइवान को देगा। यह एयर टू एयर और जमीन से हमला करने वाली मिसाइल है। इसके अलावा खेप में हारपून एंटी शिप मिसाइलें 355 मिलियन यूएस डॉलर की हैं। इसके अलावा ताइवान की निगरानी रडार कार्यक्रम जो कि 665 मिलियन की है। यह जानकारी स्टेट डिपार्टमेंट की ओर से जारी की गई है। हालांकि यूएस के इस कदम के बाद चीन और यूएस के बीच तनाव बढ़ने का अंदेशा है।