कोरोना से जूझ रहे भारत के सामने चक्रवात अम्फान की वजह से चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। दिल्ली मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अम्फान 12 घंटों में विकराल रूप धारण कर सकता है और बड़ी तबाही मचा सकता है। ये अभी उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में गति करेगा। 20 तारीख की दोपहर या शाम को ये दीघा/हातिया द्वीपों को बीच से पार करेगा। इस दौरान इसकी गति 155-165km/hr और गंभीर होने पर 185km/hr हो सकती है। संभावित खतरे को देखते हुए राज्य से लेकर केंद्र सरकार और एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं।
वहीं ओडिशा में आज सुबह से ही तेज हवाएं चलने लगी हैं। बताया जा रहा है कि आडिशा में तेज हो रही बारिश का असर अब अम्फान पर दिखाई देने लगा है। चक्रवाती तूफान अम्फान की रफ्तार अब पहले से काफी कम हो गई है। हालांकि अभी भी संकट कम नहीं हुआ है।
वहीं कोरोना वायरस संकट के बीच में अम्फान किसी बड़े आफत से कम नहीं है। प्रशासन ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि अम्फान का विकराल रूप न सिर्फ फसलों को बर्बाद करेगा, बल्कि सार्वजनिक संपत्तियों और जान-माल का भी बड़ा नुकसान कर सकता है। वहीं मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दे दी गई है और तटीय इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिले प्रभावित हो सकते हैं। जबकि ओडिशा के तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रापाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर में भारी वर्षा और तूफान आएगा। अम्फान की तबाही मुख्यरूप से भारत के पश्चिम बंगाल और ओडिशा में ही देखने को मिलेगी। मगर माना जा रहा है कि सिक्किम, असम और मेघालय पर भी इसका असर पड़ सकता है।
भारत और बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों में लगभग 4.2 मिलियन लोगों को सुरक्षा स्थान पर स्थानांतरित किया गया है। सोमवार को 700 किलोमीटर तक फैले और लगभग 15 कि. मी. ऊंचाई वाला चक्रवात अम्फान अपने केंद्र में 220 से 230 कि. मी. प्रति घंटे की गति से घूम रहा था। चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल में गंगा के आस-पास वाले इलाकों और उत्तर तटीय ओडिशा इलाकों में भी बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। यह 20 मई को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और 21 मई को असम और मेघालय में भारी से बहुत भारी वर्षा का कारण बनेगा।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस.एन. प्रधान ने मंगलवार को कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बल की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है। अम्फान से प्रभावित होने वाले दो राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है। ओडिशा के सात जिलों में एनडीआरएफ की 15 टीमों को तैनात किया गया है और पांच टीमों को तैयार रखा गया है जबकि पश्चिम बंगाल के छह जिलों में 19 टीमों को तैनात किया गया है जबकि दो टीमों को तैयार रखा गया है।
बता दें कि अम्फान ओडिशा में 1999 में तूफान के बाद दूसरा सुपर साइक्लोन (चक्रवाती तूफान) है। वह ऐतिहासिक रूप से सबसे तीव्र चक्रवाती तूफान था। 1999 के सुपर साइक्लोन ने करीब 9,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी।
महाचक्रवात से निपटने में दोनों देशों और संबंधित राज्यों का प्रशासनिक अमला पूरी ताकत से जुटा है। सरकारें व एजेंसियां जरूरी सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान कर रहे हैं। यह दो दशकों में बंगाल की खाड़ी में दूसरा महाचक्रवात है।वर्ष 1999 में ओडिशा में आये महाचक्रवात के बाद अम्फान बंगाल की खाड़ी में यह ऐसा दूसरा चक्रवात है। इसी बीच भारतीय नौसेना ने कहा कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए जेमिनी बोट और मेडिकल टीम के साथ 20 बचाव दलों को तैयार रखा गया है। नौसेना के एयरक्राफ्ट नौसेना स्टेशनों विशाखापतनम में आईएनएस डेगा और अराकोणम में आईएनएस राजाली राहत-बचाव कार्यों के लिए तैयार हैं।