रायपुर। आज के समय में स्वस्थ के प्रति जागरूक रहना बहुत जरूरी है। सेहत से जुड़ी तमाम जानकारी देती किताब आपके बीच है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण साबित करता है कि शरीर से परे एक शरीर है। मनुष्य का अस्तित्व उसके भौतिक शरीर एवम व्यक्तित्व से कई गुना बड़ा है।
B3: श्री रावतपुरा सरकार रविशंकर महाराज जी द्वारा लॉन्च की गई ‘Body Beyond Body’ .अपने भीतर की खोज को तलाशने के लिए, डॉ. अनिल के गुप्ता, निदेशक श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल और संस्थापक पॉजिटिव हेल्थ जोन ने अपनी पुस्तक बी 3: बॉडी बियॉन्ड बॉडी लॉन्च किया गया है। जिसमें डॉ. शुभ्रा अग्रवाल गुप्ता, एमबीबीएस, एमडी, एसोसिएट प्रोफेसर पं. जेएनएम मेडिकल कॉलेज में सह-लेखक हैं। प्रथम wandering योगी स्वामी महेश, वयोवृद्ध पत्रकार के.के. नायक आदि की उपस्थिति में किताब का सफल विमोचन किया गया।
इस पुस्तक के विमोचन पर स्वामी महेश ने कहा, “इस पुस्तक में स्वास्थ्य के प्रति लोगों के दृष्टिकोण को बदलने की क्षमता है। यह पुस्तक स्वस्थ, सफल और संतुलित जीवन जीने का रास्ता बताती है। यह पुस्तक स्वास्थ्य के अर्थ, इसके आयाम, कारण और रोगों के तरीके, इसके प्रबंधन (विभिन्न अवधारणाओं के अनुसार) के बारे में बात करती है। हम अभी दो महामारी का सामना कर रहे हैं, एक तो कोरोना महामारी और दूसरी महामारी है – S.A.D.D. pandemic. Stress, Anxiety, Depression, Diseases की। दूसरी महामारी का मुख्य कारण है – Hurry, Worry और Curry से परिपूर्ण modern lifestyle.
यह किताब Healthy Lifestyle एवं Balanced Life Philosophy को अपनाने में हमारी मदद करती है।
“औषधीय प्रणाली के सच्चे एकीकरण के अर्थ के साथ-साथ मानव शरीर के लिए समग्रता की अवधारणा प्राप्त होगी। “यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो एक स्वस्थ, समृद्ध, आनंदमय समृद्ध लेकिन उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की इच्छा रखते हैं, “दृश्य भौतिक निकायों से परे अदृश्य शरीर” को देखते हुए। यह पुस्तक अच्छी सेहत पाने के लिए अध्यात्म और भौतिकवाद के बीच संतुलन बनाना सिखाती है। रोग और स्वास्थ्य एक सिक्के के दो पहलू हैं जहाँ एक समय में केवल एक ही पहलू देखा जा सकता है। “डॉ अनिल के गुप्ता ने इस पुस्तक को लिखने का कारण बताते हुए कहा। पिछले 14 वर्षों से पारंपरिक चिकित्सा के एक नेत्र सर्जन और स्वतंत्र चिकित्सक होने के बाद, मैंने पिछले पांच वर्षों से बीमारी के कारण रोगियों के दृष्टिकोण को बदलने के लिए एमबीबीएस (मन, शरीर, मस्तिष्क, आत्मा) की एकीकृत समग्र चिकित्सा प्रणाली को चुना है। यह मनुष्य के भौतिक और आध्यात्मिक पहलू देता है ” डॉ. गुप्ता ने कहा, यह पुस्तक आधुनिक चिकित्सा प्रणाली, योग, आयुर्वेद, क्वांटम भौतिकी और साइकोन्यूरोबिक्स ऊर्जा, आध्यात्मिकता, एनएलपी विज्ञान, विश्वास के विज्ञान और जीव विज्ञान की अवधारणा और बहुत कुछ का अनूठा समामेलन है।
लेखक डॉ. अनिल के गुप्ता ने एमएस- पं. जेएनएमएम मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) रायपुर
एमबीबीएस- पं. जेएनएमएम मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) रायपुर
फेको फैलो शंकर नेत्रालय चेन्नई
फेलो वर्ल्डएसोसिएशन ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसिन
वैदिक विज्ञान और साइकोन्यूरोबिक्स में पीएच.डी
योग संस्कृतम विश्वविद्यालय, फ़्लोरिडा (यूएसए) की जानकारी हासिल की है।
NLP/PNP मुख्य प्रशिक्षक
उपलब्धियों-
गिनीज वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड धारक
यूनिक बिजनेस प्रैक्टिस अवार्ड
छत्तीसगढ़ गौरव पुरस्कार
सेवन ग्लोबल हेल्थकेयर एक्सीलेंस अवार्ड
वर्ष 2014 में छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक संख्या में सर्जरी की है।
अपने 11 साल के अनुभव में आंखों के 11 लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज किया है।
नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में अपने अनुभव के आधार पर विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों में शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।