छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। यहां छठी कक्षा की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के अस्पताल में रखवा दिया। लेकिन यहां पर उसने इसकी जिम्मेदारी किसी को नहीं दी और ना ही किसी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई। सुबह पुलिस की टीम मर्ग पंचनामा के लिए अस्पताल में पहुंची तो वहां छात्रा का शव नहीं था। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने एक सहायक उप निरीक्षक को निलंबित कर शव की तलाश शुरू की।
14 साल आत्महत्या करने वाले छात्रा अपने मौसी के घर में रहकर पढ़ाई करती थी। जिस दिन उसने फांसी लगाई, उसके घर में कोई नहीं था। मकान मालिक ने आत्महत्या की सूचना पुलिस को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने शव को अस्पताल ले जाकर छोड़ दिया, ताकि पोस्टमार्टम हो सके, लेकिन इसकी जिम्मेदारी किसी को नहीं दी और ना ही किसी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई। मृतका के माता-पिता उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में रहते थे। वे रात में करीब 12 बजे अस्पताल पहुंचे और अपनी बेटी का शव लेकर चले गए।
सुबह पुलिस की टीम मर्ग पंचनामा के लिए अस्पताल में पहुंची तो वहां शव नहीं था। अस्पताल प्रबंधन ने भी मामले से पल्ला झाड़ लिया। मृतका की मौसी से पूछताछ पर पता चला कि उसके माता-पिता शव लेकर चले गए और बिना पोस्टमार्टम के पुराने रीति रिवाज के अनुसार गंगा नदी में बहा दिया है। बिना पोस्टमार्टम शव ले जाना और गंगा नदी में बहा देना पुलिस के लिए गले की हड्डी बन गई है। पुलिस की टीम गंगा नदी में गोताखोरों की मदद से शव तलाश कर रही है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने एक सहायक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया है, लेकिन नाबालिग छात्रा ने आत्महत्या क्योंकि यह अभी रहस्य बना हुआ है।