खेद जताने के बाद रूठे बाबा पहुंचे विधानसभा
रायपुर । विधानसभा में सिंहदेव-बृहस्पति सिंह प्रकरण पर गृहमंत्री के बयान के बाद अब मामला सुलझता दिख रहा है। नाराज चल रहे मंत्री टीएस सिंहदेव विधानसभा पहुंचे हैं। अब से कुछ देर पहले वे अपने सिविल लाइन स्थित बंगले से विधानसभा के लिए निकले हैं। कल उस वक्त मंत्री टीएस सिंहदेव नाराज होकर विधानसभा से निकल गये थे, जब गृहमंत्री ने इस मामले में अपना वक्तवय दिया था। सिंहदेव ने सदन में कहा था कि जो परिस्थिति है, उसमें जब उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक वो सदन में खुद को बैठने के योग्य नहीं समझते हैं।
इससे पहले अब से कुछ देर पहले विधायक बृहस्पति सिंह ने सदन में बयान दिया। उन्होंने अपने सदन में कहा कि इस घटना को लेकर मैंने पूर्व में व्यक्तव्य दिया था, उक्त घटना में मंत्री टी एस सिंहदेव का कोई संबंध नहीं है, उन पर लगाए तमाम आरोप झूठे और असत्य हैं। इसके बाद सदन के नेता भूपेश बघेल ने सदस्य बृहस्पति की भूरि- भूरि प्रशंसा करते हुए सदन और आसंदी का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सदन की उच्च परंपराएं हैं। सदन में बृहस्पति जी का व्यक्तव्य प्रशंसनीय है। मैं उन्हें बधाई देता हूं.. गृहमंत्री को भी धन्यवाद देता हूं, सदन में जो गतिरोध उत्पन्न हुआ, सभी ने गतिरोध दूर करने सहयोग किया। मैं सबका आभार जताता हूँ। पूरे सदन को धन्यवाद कहा है, फिर भी आसंदी की महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर उन्हें भी धन्यवाद देता हूं।
इससे पहले हत्या किए जाने का आरोप लगाने वाले रामानुजगंज के कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह को हाईकमान के आदेश पर शो-कॉज नोटिस जारी होने के बाद भी मंत्री टीएस सिंहदेव की नाराजगी दूर नहीं हो पाई है। देर रात तक उनकी मान-मनौव्वल की जाती रही परंतु रूठे टीएस बाबा नहीं माने और पावस सत्र के तीसरे दिन सदन नहीं पहुंचे। इस बीच सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष हमलावर हो गया। उसने प्रश्नकाल में विघ्न डाला और सरकार से सवाल किया कि चूंकि टीएस सिंहदेव सदन छोड़कर जा चुके हैं अत: सरकार बताए कि वे मंत्री हैं अथवा नहीं।
बृजमोहन ने सिंहदेव से मांगा इस्तीफा
सदन में हंगामें के बीच पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मंत्री टीएस सिंहदेव इस्तीफा दें क्योंकि उन्होंने संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन किया है। मंत्री के शपथ और संवैधानिक व्यवस्था के चलते कोई मंत्री सदन छोड़कर नहीं जा सकता। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि मंत्री ने कहा था कि सरकार उनकी स्थिति जब तक स्पष्ट नहीं करती है तब तक वह सदन में नहीं आ सकते है। इसके जवाव में बृजमोहन अग्रवाल ने याद दिलाया कि लालकृष्ण आडवानी इस्तीफा देकर ही सदन छोड़कर गये थे।