केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से हुईं मौतों का विवरण मांगा है। संबंधित सूचना मानसून सत्र के समाप्त होने से पहले संसद में रखी जाएगी। पिछले सप्ताह, विपक्षी दलों ने सरकार पर तब निशाना साधा था, जब उसने संसद को बताया था कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से किसी मौत की जानकारी नहीं दी है।
सूत्रों ने कहा, ‘केंद्र ने राज्यों और केंद्रश्ाासित प्रदेश्ाों से कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से हुईं मौतों का विवरण्ा मांगा है। सूचना जुटाकर इसे मानसून सत्र के समाप्त होने से पहले संसद में रखा जाएगा।”
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण्ा पवार ने 20 जुलाई को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि स्वास्थ्य राज्य का मामला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मौतों की जानकारी देने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैैं। उसी के मुताबिक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तरफ से नियमित रूप से मौतों की जानकारी दी जाती है। परंतु, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तरफ से खासतौर पर आक्सीजन की कमी से किसी की मौत होने की जानकारी नहीं दी गई है।
हालांकि, पवार ने सदन को बताया था कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की मांग अचानक बढ़ गई थी। इस दौरान एक दिन ऐसा भी आया जब आक्सीजन की मांग नौ हजार टन पर पहुंच गई थी। जबकि, पहली लहर के दौरान एक दिन में सबसे ज्यादा 3,095 टन आक्सीजन की मांग हुई थी।