जोशीमठ। ऋषिगंगा में जल प्रलय के बाद तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन इंजीनियरों समेत 35 कर्मचारियों तक पहुंचने में सुरंग के जरिए भारी मात्रा में आ रहा मलबा बचाव दल के समक्ष बड़ी बाधा बनकर सामने आया है। अभी तक आपदा में 170 लोग लापता हैं। 34 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जिनमें से नौ लोगों की शिनाख्त हो चुकी है। 12 मानव अंग क्षत-विक्षत हालत में मिले हैं। हेलीकॉप्टर से लगातार नीती घाटी के गांवों में राहत सामग्री वितरित की जा रही हैं।
डीएनए सैंपलिंग में एफएसएल की ली जा रही मदद
डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि बरामद शवों की डीएनए सैंपलिंग और संरक्षण के लिए राज्य एफएसएल की भी मदद ली जा रही है। सभी मानदंडों का पालन हो रहा है। बरामद शवों को मोर्चरी कर्णप्रयाग, जोशीमठ और गोपेश्वर में रखा गया है। आपदा में लापता हुए लोगों की सूची व बरामद हुए शवों की पहचान के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। शवों से मिले आभूषण, टैटू व अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है। चमोली में स्थापित कंट्रोल रूम के नंबर 01372-251487 और 9084127503 जारी किए गए हैं।
आज राज्यपाल बैबी रानी मोर्य औैर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्यों का जायजा लेने पहुंचेंगे। सुबह नौ बजे जोशीमठ में चिनूक हेलीकॉप्टर पहुंचा है। मौके पर पहुंची वैज्ञानिकों की टीम की ओर से टनल में घुसने के लिए वैकल्पिक रास्ते की तलाश की जा रही है, लेकिन एनटीपीसी के अधिकारियों का कहना है कि सुरंग में जाने के लिए वैकल्पिक रास्ते की तलाश में चारों ओर मलबा रोढ़ा अटका रहा है।
सुरंग से मलबा और पानी हटाने के बाद ही फंसे लोगों तक पहुंचा जा सकता है। सुरंग से अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिल पाई है। सुरंग में बुधवार रात को भी मलबा हटाने का काम जारी रहा। उधर, रैणी गांव के समीप मलारी हाईवे पर बीआरओ की ओर से वैली ब्रिज लगाने के लिए मलबे को हटाने का काम जारी है।
सुरंग में 6.5 मीटर तक हुई ड्रिलिंग
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि राहत बचाव कार्य जारी है। सुरंग झांकने के लिए ड्रिलिंग की जा रही है। अभी हम 6.5 मीटर तक पहुंचे हैं।
शवों की शिनाख्त के लिए बनाया व्हाट्सएप ग्रुप
आपदा में मारे गए लोगों के शवों की शिनाख्त के लिए पुलिस ने परिवारों को शामिल कर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में अभी तक 85 परिवार जुड़ चुके हैं। इस ग्रुप के जरिये दो शवों की पहचान भी हो चुकी है।
बचाव व राहत कार्य शुरू करने के साथ पुलिस मुख्यालय में कंट्रोल रूम का गठन किया गया। इसकी कमान डीआईजी नीलेश आनंद भरणे अपराध एवं कानून व्यवस्था व प्रवक्ता (उत्तराखंड पुलिस) संभाल रहे हैं। 0135-2712685 और 9411112985 कंट्रोल रूम के नंबर हैं।