छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में महिलाओं के प्रति 100 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। इसके साथ कोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा शासकीय नर्सिंग महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक एवं प्रदर्शक के 91 रिक्त पदों के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया को रद कर दिया है। याचिकाकर्ताओं ने संविधान में दी व्यवस्था का हवाला देते हुए महिला अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने व पुरुषों को वंचित किए जाने को नियम विपरीत बताया था।
अभय कुमार एक्का व अन्य ने वकील घनश्याम कश्यप और नेल्सन पन्ना के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर द्वारा विभिन्न् विषयों में सहायक प्राध्यापक(नर्सिंग) एवं डेमोस्ट्रेटर के पद पर भर्ती के लिए आठ दिसंबर 2021 को जारी विज्ञापन की वैधता को चुनौती दी है। भर्ती नियम में यह व्यवस्था दी गई है कि नर्सिंग महाविद्यालयों में डेमोस्ट्रेटर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए केवल महिला उम्मीदवार सीधी भर्ती के लिए पात्र होंगी। यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि योग्यता होने के बाद भी सेवा भर्ती नियम के कारण वह फार्म नहीं भर सका। याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस एके गोस्वामी एवं जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की डिवीजन बेंच में हुई। डिवीजन बेंच ने महिलाओं के प्रति 100 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए विज्ञापन को रद करने का आदेश दिया।