प्रदेश सरकार द्वारा बस्ती क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सेवा पहुंचने के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना शुरू की गई है। इसके तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट लोगों तक पहुंचते हैं। वे जांच करते हैं और दवा भी देते हैं, लेकिन पैरामेडिकल स्टाफ ने वेतन विसंगति दूर करने के साथ वेतन समेत 3 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर दिया है। इसके कारण मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना ठप पड़ गई है।
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत राज्य सरकार ने सभी जिलों में मोबाइल मेडिकल की सुविधा को स्लम इलाकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से विजयवाड़ा की बव्या कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिया है। मगर, कर्मचारियों ने वेतन विसंगति दूर करने के साथ वेतन वृध्दि जैसी 3 सूत्रीय माँगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। अकेले दुर्ग जिले में रोज़ाना सैकड़ों मरीज इस यूनिट की 13 बसों के मेडिकल स्टाफ से अपना इलाज कराते हैं। पैरामेडिकल स्टाफ के कर्मचारियों का कहना है कि ना तो पेमेंट सही समय पर मिलता है और ना ही जॉब की सेक्युरिटी है। लिहाजा उनका हड़ताल पर जाना मजबूरी है।