भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कोयला परिवहन और उससे संबंधित परमिट और स्वीकृति का मसला ध्यानाकर्षणके जरिए सदन में मुद्दा उठाया। जिस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने कोल परिवहन और परमिट लेने की प्रक्रिया ऑफलाइन कर दी थी। इस प्रक्रिया को अब बंद करते हुए यह प्रक्रिया ऑनलाइन की जा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सदन में बताया कि खनिज विभाग द्वारा एक आदेश जारी हुआ था। संचालक के द्वारा 15 जुलाई 2020 को इस आदेश के द्वारा यह व्यवस्था दी गई थी कि खनिज सम्मिलित द्वारा ई परमिट का भौतिक सत्यापन करने के बाद ही इस ट्रांजिट पास किया जा सकेगा। इसके पहले जो ऑनलाइन प्रक्रिया थी, उसे बंद कर कर ऑफलाइन किया गया, जिसके कारण परिवहन में भी लेट होता था, और भ्रष्टाचार का भी समावेश हो गया था। खनिज विभाग के संचालक ने सरकार से अनुमोदन नहीं लिया था। हमारी सरकार सुशासन के लिए संकल्पित है। मैं तात्कालिक संचालक की ओर से वर्ष 2020 में लिए गए फैसले को रद्द करता हूं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बहुत बड़ी घोषणा की है कि ऑफलाइन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है।