
गौरसिंग मुकुट पहनाकर किया अभिनंदन
मुख्यमंत्री ने बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन और स्टाल्स का अवलोकन किया

रायपुर, 18 नवंबर 2024 / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने चित्रकोट पहुंचने पर बस्तरिया अंदाज में भव्य स्वागत हुआ। जनजातीय लोक नर्तक दलों ने पारंपरिक प्रस्तुतियां दीं और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें गौर सिंग मुकुट पहनाकर सम्मानित किया।

चित्रकोट में आयोजित बैठक के लिए विशेष तैयारियां की गई थीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन और विभिन्न विभागीय स्टालों का निरीक्षण किया। यहां बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, सुकमा और बीजापुर के विकास कार्यों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल लगाए गए थे। इन स्टॉलों में विकास और नवाचार की झलक देखने को मिली।
‘बस्तर कॉफी’ की झलक
बस्तर जिले के स्टॉल में ‘बस्तर कॉफी’ की प्रक्रिया और उसके प्रसार को रोचक तरीके से दर्शाया गया। इसमें कॉफी उत्पादन की पूरी प्रक्रिया, जैसे ताजा चेरी से लेकर कॉफी की धुलाई, भुनाई, पिसाई और पाउडर पैकेजिंग, को विस्तार से दिखाया गया। इस पहल से स्थानीय रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है और बस्तर कॉफी ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास जारी है।
कला और नवाचार का संगम
कोण्डागांव जिले के स्टॉल में पारंपरिक शिल्पकला और आधुनिक विकास परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया। झिटकू मिटकी आर्टिसन प्रोड्यूसर ने बेल मेटल कला के जरिए अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति प्रस्तुत की। जिले की पर्यटन विकास योजनाओं, गारमेंट फैक्ट्री, एनीमिया मुक्त अभियान और नागरिक सेवाओं के लिए ‘मावा कोण्डानार’ मोबाइल ऐप की जानकारी भी दी गई।
शिक्षा और बाल विकास में नवाचार
दंतेवाड़ा जिले ने शिक्षा और बाल कल्याण के नवाचारों को सामने रखा। बाल मित्र कार्यक्रम के तहत स्कूल से बाहर के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने और बाल मित्र पुस्तकालयों के जरिए बच्चों को नेतृत्व और निर्णय क्षमता का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह पहल शिक्षा के साथ समग्र विकास में सहायक साबित हो रही है।
लघु वनोपज से आजीविका
कांकेर जिले में लघुवनोपज आधारित परियोजनाओं और उद्यानिकी विकास को प्राथमिकता दी गई है। फ्रेश सीताफल परियोजना किसानों और स्वसहायता समूहों की आय का मुख्य स्रोत बन गई है। इसके अलावा, पोषण और रोजगार के लिए लघु धान से मछली पालन और कड़कनाथ मुर्गी पालन के अवसरों की जानकारी साझा की गई।
महिला सशक्तिकरण के प्रयास
नारायणपुर जिले में महिला सशक्तिकरण के लिए हर्बल गुलाल, मशरूम उत्पादन, कड़कनाथ और बटेर पालन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। इनसे महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिली है। जिले में पोषण आहार और एकीकृत कृषि की पहल के साथ आधुनिक तकनीकों के समावेश को भी प्रदर्शित किया गया।
यातायात और आवासीय योजनाएं
सुकमा जिले के स्टॉल में यातायात सुविधाओं और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चल रही आवासीय परियोजनाओं और हक्कुम मेल अंतर्गत यातायात सुधार के प्रयासों को दर्शाया गया। मरईगुड़ा पंचायत की लखपति दीदी योजना ने महिला स्वसहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण के सकारात्मक परिणाम दिखाए।
‘नियद नेल्ला नार’ योजना के नतीजे
बीजापुर जिले में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में संचालित ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के सकारात्मक प्रभावों को प्रदर्शित किया गया। इस योजना के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए स्थानीय संसाधनों और तकनीकी का उपयोग किया गया है। जिले के प्राकृतिक सौंदर्य को पर्यटन के जरिए बढ़ावा देने की जानकारी भी साझा की गई।