मोदी सरकार ने देश में दो साल से बड़े सभी बच्चों के टीकाकरण का भी रास्ता साफ कर दिया है। भारत बायोटेक के स्वदेशी टीका कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) की सिफारिश पर यह अनुमति दवा नियामक ड्रग कंटोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) की ओर से दी गई है।
आपात इस्तेमाल की अनुमति के बाद कोवैक्सीन को बच्चों के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल कर लिया जाएगा। बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा इस महीने की शुरुआत में भारत बायोटेक ने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) को दिया था। आंकड़ों के अध्ययन करने के बाद इसे मंजूरी देने की सिफारिश की है। कोवैक्सीन से पहले भारत में जायडस कैडिला की स्वदेशी वैक्सीन जायकोव-डी को 12 से 18 साल के बच्चों के लिए मंजूरी दी जा चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोवैक्सीन को इजाजत मिलने के बाद बड़े पैमाने पर बच्चों का टीकाकरण अभियान चलाया जा सकता है। 18 से अधिक उम्र के वयस्कों के टीकाकरण की रफ्तार अक्टूबर में धीमी हुई है। इससे राज्यों के पास टीके का स्टाक बढ़ता जा रहा है। वहीं कोवैक्सीन का उत्पादन भी अक्टूबर में 7.5 करोड़ डोज से अधिक होने का अनुमान है और नवंबर के बाद इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में कोवैक्सीन को बच्चों के टीकाकरण अभियान के लिए सुरक्षित किया जा सकता है।
बच्चों के टीकाकरण्ा में कितना वक्त लगेगा : अनुमान के मुताबिक, देश में दो से 18 साल की उम्र के बच्चों की संख्या 35 करोड़ से ज्यादा है। शुरुआती स्तर पर यह कहना जल्दबाजी होगी कि सभी बच्चों के टीकाकरण में कितना समय लगेगा।