शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकार हनन के मामलों के प्रति जवाबदेही से चीन वर्षों तक बचता रहा, लेकिन अब उसे उइगरों के उत्पीड़न का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। अमेरिका ने शिनजियांग प्रांत से आयात को प्रतिबंधित कर दिया है, जबकि बीजिंग विंटर ओलिंपिक के कूटनीतिक बहिष्कार की भी घोषणाएं हुई हैं।
कनाडा स्थित एक थिंकटैंक के अनुसार, चीन लंबे समय से शिनजियांग के संबंध में पश्चिमी देशों की रिपोर्ट को साजिश और दुष्प्रचार बताता रहा है। इंटरनेशनल फोरम फार राइट एंड सिक्योरिटी (आइएफएफआरएएस) के अनुसार, 10 दिसंबर को लंदन स्थित एक स्वतंत्र ट्रिब्यूनल ‘उइगर ट्रिब्यूनल” ने कहा था कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में उइगर समेत अन्य अल्पसंख्यकों का नरसंहार किया है। उइगर कार्यकर्ताओं के आग्रह पर इस गैर सरकारी संगठन की स्थापना वर्ष 2020 में ब्रिटिश नागरिक व अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मामलों के वकील जेफ्री नीस ने किया है।
आइएफएफआरएएस की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन, शिनजियांग प्रांत में विदेशी पर्यटकों और पत्रकारों को प्रवेश की इजाजत नहीं देता, जो उत्पीड़न का केंद्र है। लेकिन, अब चीनी से प्राप्त नए साक्ष्य ने पश्चिमी रिपोर्ट की पुष्टि की है। 16 दिसंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने चीन के एकेडमी आफ मिलेट्री मेडिकल साइंसेज व 11 अन्य शोध संस्थाओं के खिलाफ नए प्रतिबंध की घोषणा की है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन ने पूरे शिनजियांग क्षेत्र में हाईटेक सर्विलांस प्रणाली की स्थापना की है, जिसमें चेहरे पर आधारित बायोमीट्रिक प्रणाली का उपयोग किया गया है। इसके अलावा वहां रहने वालों के डीएनए के नमूने भी ले लिए गए हैैं।