चीन ने तालिबान को भले ही समर्थन दे दिया है, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान शासन को लेकर संशकित और उससे डरा है। वह भरोसा नहीं कर पा रहा। इसी कडी में बीजिंग ने तालिबान से खुली व समावेशी इस्लामी सरकार बनाने और बेहतर परिवर्तन की उम्मीद जताने के तुरंत बाद चेताया कि अफगानिस्तान को आतंकी संगठनों का पनाहगाह बनाने से बचे।
संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि जेंग शुआंग ने यह बयान सुरक्षा परिषद की अफगानिस्तान पर बुलाई गई आपातकालीन बैठक के दौरान कही। जेंग ने भारत की अध्यक्षता में सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि अफगानिस्तान को अब फिर कभी आतंकी संगठनों का अड्डा नहीं बनना चाहिए। अफगानिस्तान में राजनीतिक समाधान के लिए यह सबसे निचला स्तर है। इसको मजबूती से यहीं रोका जाना चाहिए।
चीनी राजदूत ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरी ईमानदारी से निभाएगा और अफगानिस्तान को आतंकी संगठनों से पूरी तरह निजात दिलाएगा। उन्होंने कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे में अपने दायित्व को पूरा करना चाहिए। सभी को मिलकर अलकायदा और आइएस जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।