मेरठ के स्कूल में कक्षा नौ के छात्र ने लात घूसों से पीटकर कक्षा तीन के छात्र की हत्या कर दी। स्वजन ने प्रधानाचार्य पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विद्यालय में शव रखकर चार घंटे तक ग्रामीणों के साथ हंगामा किया। पुलिस के पहुंचने पर भी प्रदर्शनकारियों ने शव को नहीं उठने दिया। प्रधानाचार्य ने पीड़ित स्वजन को पांच लाख का चेक और मां को विद्यालय में नौकरी देने की घोषणा की। आर्थिक मदद मिलने के बाद स्वजन ने किसी के खिलाफ कोई तहरीर नहीं दी है। उधर, पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अगर हत्या की पुष्टि होती है तो पुलिस अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज करेगी।
जीत सिह गांव के ही कैलाशवती शिक्षण् संस्थान एवं विद्यालय में कक्षा तीन का छात्र था। जीत की मां सविता देवी का आरोप है कि बेटे ने स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा नौ के छात्र को छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने पर टोका था। इसी पर गुरुवार को कक्षा नौ के छात्र ने लात घूसों से बेटे की पिटाई की थी। विद्यालय प्रशासन ने मारपीट की जानकारी होने के बाद भी बेटे को घर भेज दिया था। शुक्रवार सुबह जीत ने सोकर उठने पर मां को पैरों में दर्द होने के बारे में बताया। साथ ही मां को यह भी बताया कि कक्षा नौ के छात्र ने स्कूल में उसकी पिटाई की थी। इससे पहले स्वजन जीत सिह को डाक्टर के यहां दिखाते, उससे पहले ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन ग्रामीणों के साथ शव लेकर विद्यालय पहुंचे और विद्यालय प्रशासन पर लापरवाही के चलते जीत की मौत का आरोप लगाया। उनका कहना था कि समय रहते प्रधानाचार्य सुशील शर्मा जीत सिंह को उपचार दिला देते तो बेटे की जान बच सकती थी। इसी से आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रधानाचार्य के खिलाफ नारेबाजी की। चार घंटे तक ग्रामीणों ने विद्यालय में शव रखकर हंगामा किया। इसके बाद प्रधानाचार्य सुशील शर्मा वहां पहुंचे और पीड़ित परिजन को आर्थिक मदद के रूप में पांच लाख रुपये का चेक दिया। इसके बाद स्वजन ने प्रधानाचार्य और आरोपित छात्र के खिलाफ कार्रवाई से हाथ खींच लिए।