
सरगुजा जिले के उदयपुर विकास खंड से लगभग 9 किलोमीटर दूर स्थित एक ऐसा स्कूल है, जिसे सफाईकर्मी और रसोइयां संभाल रहे हैं।एक तरफ पूरे प्रदेश में शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है तो दूसरी ओर प्राथमिक शाला तिलहर डुग्गु के बच्चे शिक्षक के लिए तरस रहे हैं। यह स्कूल खुलता और सफाई भी होती है। स्कूल में मध्यान भोजन तो मिलता है, लेकिन पढ़ाई नहीं होती।
इस स्कूल में शिक्षा विभाग ने चार स्टाफ की नियुक्ति की है, जिसमें प्रधान पाठक इंद्र साय, सहायक शिक्षक त्रिपाल टोप्पो सहित सफाईकर्मी और रसोइयां है। सफाईकर्मी और रसोईयां ही पूरे स्कूल को संभाल रहे हैं। प्रधान पाठक और शिक्षक महीने में दो-चार दिन ही स्कूल जाकर हाजिरी रजिस्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज कर चले जाते हैं। यहां के सफाईकर्मी ने बताया कि उसके द्वारा पूरे स्कूल को चलाया जाता है और बच्चों को भी पढ़ाया जाता है।
बच्चों ने बताया कि शिक्षक कभी-कभी आते हैं। वह भी शराब के नशे में धुत्त रहते हैं।
सरगुजा जिले के दूरस्थ अंचल का यह स्कूल का अगर यह हाल है तो इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चों के भविष्य के साथ कैसा खिलवाड़ हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से कोसो दूर हैं। बहरहाल देखना है कि इसमें उच्चअधिकारी शिक्षकों पर क्या कार्रवाई करते हैं या यूं ही शिक्षकों को किसी बहाने से बचा लिया जाता है।