प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने पटवारियों की हड़ताल तोड़ने के लिए एस्मा कानून लागू किये जाने का विरोध करते हुए कहा कि पटवारियों की जायज मांगें पूरी करने में विफल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तानाशाही पर उतर आए हैं। सरकार का काम जनता की सेवा में तैनात सरकारी कर्मचारियों का समुचित पोषण करना है। ताकि वे जनता की सेवा पूरी मुस्तैदी से करें। भूपेश बघेल सरकार अपने ही कर्मचारियों का दमन कर रहे हैं। यही कारण है कि हड़ताल पर बैठे पटवारियों ने न्यायोचित मांगों की पूर्ति के लिए अनशन का रास्ता चुना। उन्हें उम्मीद थी कि सत्ता में आने के लिए कांग्रेस ने हर तरह के कर्मचारियों को जो सब्जबाग दिखाए थे, उन्हें धरातल पर लायेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब विपक्ष में थी तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की हैसियत से भूपेश बघेल हर हड़ताली पंडाल में पहुंच जाते थे। अब वादे कर आते थे, मगर सरकार बनने के बाद किसी वर्ग से किये वादे पूरे करना तो दूर कर्मचारियों की मांगों को सुनने को तैयार नहीं हैं।
साव ने कहा कि साढ़े चार साल से सभी वर्गों के कर्मचारियों अधिकारियों का शोषण किया जा रहा है। महंगाई भत्ते के लिए आंदोलन करना पड़ता है। ऐसा कोई कर्मचारी संघ शेष नहीं है, जिसने भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा न खोला हो। मांगों के समर्थन में अनशन पर बैठने वाले कर्मचारियों पर भूपेश की पुलिस के डंडे बरस रहे थे। अब दमन करने एस्मा लगाया गया है। भाजपा पटवारियों की उचित मांगों का समर्थन करती है और सत्ता में आने पर सभी उचित मांगों को पूरा करेगी।