भारत के लिए रविवार का दिन स्वर्णिम और ऐतिहासिक रहा। भारत ने अंक तालिका में पदकों का अर्धशतक भी लगा दिया। स्क्वाश मिक्स्ड डबल्स जोड़ी दीपिका पल्लीकल और सौरव घोषाल ने कांस्य जीतकर देश को 50वां पदक दिलाया। इससे पहले एथलेटिक्स में ऐतिहासिक सोना और चांदी मिली तोे मुक्केबाजी में तीन स्वर्ण पदक मिले। पुरुष त्रिकूद में एल्डोस पाल ने स्वर्ण पदक जीता जबकि इसी स्पर्धा में अब्दुल्ला को रजत पदक हासिल हुआ। मुक्केबाज निकहत जरीन, अमित पंघाल और नीतू घणघस ने स्वर्ण अपने नाम किए। अन्य खेलों में भारतीय महिला हाकी टीम ने न्यूजीलैंड को पेनाल्टी शूटआउट में हराकर कांस्य पदक जीता और यह महिला हाकी टीम का 16 साल बाद इन खेलों कोई पहला पदक है।
– भारत का प्रदर्शन –
– मुक्केबाज निकहत जरीन, अमित पंघाल और नीतू घणघस ने जीते स्वर्ण पदक
– त्रिकूद में एल्डोस पाल को स्वर्ण जबकि अब्दुल्ला को रजत
– अचंता शरत कमल और जी साथियान की पुरुष डबल्स टेबल टेनिस टीम फाइनल में हार गई जिससे उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा
– अचंता शरत कमल पुरुष सिंगल्स के फाइनल में, रजत पक्का
– अन्नू रानी ने भाला फेंक में कांस्य पदक जीता
– संदीप कुमार ने 10,000 मीटर पैदल चाल में जीता कांस्य पदक
– भारतीय महिला हाकी टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर कांस्य जीता
– सिंधू और लक्ष्य बैडमिंटन के फाइनल में पहुंचे, रजत पक्का
– मुक्केबाज सागर ने 92+ किग्रा के फाइनल में, रजत पक्का
– जी साथियान टेबल टेनिस में अपना सिंगल्स सेमीफाइनल मैच हार गए
– 8 पदक भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में जीते हैं जिसमें एक स्वर्ण, चार रजत, तीन कांस्य शामिल हैं। यह भारत का अपने घर से बाहर एथलेटिक्स में कामनवेल्थ गेम्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है
– 25 वर्षीय एल्डोस पाल कामनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण जीतने वाले छठे भारतीय एथलीट बने
भारत ने पुरुष त्रिकूद में ऐतिहासिक स्वर्ण और रजत जीता
एल्डोस पाल की अगुआई में भारत ने पुरुष त्रिकूद स्पर्धा में पहले दो स्थान पर कब्जा जमाकर इतिहास रचा। पाल के स्वर्ण पदक के अलावा केरल के उनके साथी एथलीट अब्दुल्ला अबूबाकर ने भी इस स्पर्धा का रजत पदक जीता। पाल ने अपने तीसरे प्रयास में 17.03 मीटर की सर्वश्रेष्ठ दूरी तय की। अबूबाकर 17.02 मीटर के प्रयास के साथ दूसरे स्थान पर रहे। अबूबाकर ने अपने पांचवें प्रयास में यह दूरी तय की। भारत ने कामनवेल्थ गेम्स में त्रिकूद में चार पदक जीते हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब देश के दो एथलीट ने एक साथ पोडियम पर जगह बनाई। मोहिंदर सिंह गिल ने 1970 और 1974 में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीता जबकि रंजीत महेश्वरी और अरपिंदर सिंह 2010 और 2014 में तीसरे स्थान पर रहे।
एक साथ तीन पदक जीतने का मौका गंवाया
भारत ने त्रिकूद में पहली बार तीनों पदक (स्वर्ण, रजत और कांस्य) जीतने का मौका गंवा दिया। भारत ने स्वर्ण और रजत तो अपने नाम कर लिए लेकिन कांस्य नहीं मिल सका। एल्डोस और अब्दुल्ला के अलावा प्रवीण चित्रावेल कांस्य पदक जीतने से 0.03 मीटर के अंतर से चूक गए और 16.89 मीटर के प्रयास के साथ चौथे स्थान पर रहे। बरमूडा के जाह-एनहाल पेरिनचीफ ने 16.92 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता।
भाला फेंक एथलीट अन्नू रानी ने कांस्य जीता
अन्नू रानी ने भाला फेंक स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली देश ही पहली महिला भाला फेंक खिलाड़ी बन गईं। रानी ने अपने तीसरे प्रयास में 60 मीटर दूर भाला फेंक कर तीसरा स्थान हासिल किया। विश्व चैंपियन आस्ट्रेलिया की केलसे ली बार्बर ने 64.43 मीटर के थ्रो से स्वर्ण पदक जीता, जबकि उनकी हमवतन मैकेंजी लिटिल 64.27 मीटर के थ्रो से दूसरे स्थान पर रहीं। रानी से पहले कामनवेल्थ गेम्स में काशीनाथ नायक और ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा पुरुषों के भाला फेंक स्पर्धा में क्रमश: कांस्य और स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। नायक ने 2010 दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स में जबकि चोपड़ा ने 2018 गोल्ड कोस्ट में पदक जीते थे।
संदीप का पैदल चाल में कांस्य
संदीप कुमार ने पुरुषों के 10,000 मीटर पैदल चाल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। संदीप ने 38:49.21 मिनट का समय निकाला जिससे वह स्वर्ण पदक विजेता कनाडा के इवान डनफी (38:36.37) और रजत पदक विजेता आस्ट्रेलिया के डेकलान टिनगे (38:42.33) से पीछे रहे। इस स्पर्धा में एक अन्य भारतीय अमित खत्री सत्र के सर्वश्रेष्ठ समय 43:04.97 से नौंवे स्थान पर रहे।
मुक्केबाजी में निकहत, पंघाल और नीतू ने स्वर्ण पदक जीते
भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन, अमित पंघाल और नीतू घणघस ने अपना दबदबा भरा प्रदर्शन जारी रखते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किए। उनके अलावा सागर ने 92+ किग्रा के फाइनल में जगह बनाई जहां उनका कम से कम रजत पक्का हो गया। निकहत ने लाइट (फ्लाईवेट 50 किग्रा) में उत्तरी आयरलैंड की कार्ली एमसी नौली को 5-0 से मात देकर स्वर्ण जीत लिया। पंघाल ने इस तरह पिछले चरण के रजत पदक का रंग बेहतर किया। उन्होंने पुरुषों के फ्लाईवेट (48-51 किग्रा) वर्ग में यूरोपीय चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता मैकडोनल्ड कियारान को 5-0 के अंतर से मात दी। सबसे पहले रिंग में उतरीं नीतू ने महिलाओं की मिनिममवेट (45-48 किग्रा) वर्ग के फाइनल में विश्व चैंपियनशिप 2019 की कांस्य पदक विजेता रेस्जटान डेमी जेड को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित किया। विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पंघाल अपने छोटे कद के बावजूद मैच में विपक्षी मुक्केबाज से बेहतर दिखाई दिए। कामनवेल्थ गेम्स में अपने पदार्पण में ही नीतू ने गजब का आत्मविश्वास दिखाया और फाइनल में भी वह इसी अंदाज में खेली जैसे पिछले मैचों में खेली थीं। उन्होंने पूरे नौ मिनट तक मैच के तीनों राउंड में नियंत्रण बनाए रखा और विपक्षी मुक्केबाज को कहीं भी कोई मौका नहीं दिया। नीतू ने तेजतर्रार, सटीक मुक्कों से प्रतिद्वंद्वी को चारों खाने चित्त कर दिया।
हाकी में सविता का शानदार प्रदर्शन
कप्तान सविता पूनिया के शानदार प्रदर्शन के बल पर भारतीय महिला हाकी टीम ने स्टापवाच विवाद से उबरते हुए यहां गत चैंपियन न्यूजीलैंड को पेनाल्टी शूटआउट में 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। भारतीय टीम मैच के अंतिम लम्हों में 1-0 से आगे चल रही थी, लेकिन आखिरी 30 सेकेंड से भी कम समय में उसने विरोधी टीम को पेनाल्टी कार्नर दे दिया। यह पेनाल्टी स्ट्रोक में बदला और ओलीविया मेरी ने न्यूजीलैंड को बराबरी दिला दी जिसके बाद मैच पेनाल्टी शूटआउट में खिंच गया। नियमित समय में भारत ने 29वें मिनट में सलीमा टेटे के गोल की बदौलत बढ़त बनाई थी। शूटआउट में कप्तान और गोलकीपर सविता ने तीन प्रयासों को शानदार तरीके से नाकाम करके भारत का तीसरा कामनवेल्थ गेम्स में पदक पक्का किया। इससे पहले भारतीय महिला टीम ने 2002 में स्वर्ण और 2006 में रजत जीता था। शूटआउट में मेगान हुल ने न्यूजीलैंड को बढ़त दिलाई, लेकिन सविता ने रोस टाइनन, केटी डोर और ओलीविया शेनन के प्रयासों को नाकाम कर दिया। भारत के लिए सोनिका और नवनीत ने गोल दागते हुए टीम की जीत सुनिश्चित की
बैडमिंटन में सिंधू और सेन फाइनल में
दो बार की ओलिंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने यहां लगातार दूसरी बार कामनवेल्थ गेम्स की महिला सिंगल्स बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाकर स्वर्ण पदक की ओर कदम बढ़ाए तो लक्ष्य सेन भी इन खेलों में पहली बार फाइनल में पहुंचने में सफल रहे। भारत की 27 साल की खिलाड़ी सिधू ने महिला सिंगल्स के मैच में सिंगापुर की यिओ जिया मिन को 49 मिनट चले मैच में 21-19, 21-17 से हराया। विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज लक्ष्य ने सिंगापुर के जिया हेंग तेह के विरुद्ध दूसरे गेम में लय गंवा दी। उन्होंने रैंकिंग में 87वें स्थान पर काबिज खिलाड़ी के विरुद्ध वापसी करते हुए पुरुष सिंगल्स के सेमीफाइनल में 21-10, 18-21, 21-16 से जीत दर्ज की।
टेबल टेनिस में अचंता ने डबल्स में जीता रजत, सिंगल्स में किया पक्का
भारत के अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता श्ारत कमल पुरुष डबल्स में रजत पदक जीत लिया और साथ ही सिंगल्स के फाइनल में पहुंचकर चांदी पक्की भी कर ली। शरत कमल और जी साथियान की जोड़ी को इंग्लैंड के पाल ड्रिंकहाल और लियाम पिचफोर्ड ने बेहद रोमांचक फाइनल मैच में 3-2 ( 8-11, 11-8, 11-3, 7-11, 11-4) से हराकर स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद शरत कमल ने सिंगल्स में ड्रिंकहाल को 11-8, 11-8, 8-11, 11-7, 9-11, 11-8 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई और इससे उनका कम से कम रजत पक्का हो गया। फिर जी साथियान सिंगल्स में सेमीफाइनल में लियाम पिचफोर्ड से हार गए। अब पिचफोर्ड का फाइनल में सामना शरत कमल से होगा।
स्क्वाश में पल्लीकल और घोषाल की जोड़ी को कांस्य
अनुभवी महिला खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल और सौरव घोषाल की स्क्वाश जोड़ी ने मिक्स्ड डबल्स में कांस्य पदक का मैच अपने नाम कर लिया। इस भारतीय जोड़ी ने आस्ट्रेलियाई जोड़ी डोना लोबनन और कैमरून को 11-8, 11-4 से हरा दिया।