बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रोचक मुकाबले होने की संभावना है। बुधवार को मतदाता पहले चरण में वह आठ मंत्रियों सहित 1066 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कर देंगे। गया की इमामगंज सीट पर दो हाई प्रोफाइल के नेताओं का मुकाबला है। यहां राजद से पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी और हिदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतन राम मांझी के बीच कांटे का मुकाबला है। इस दौर में भाजपा नेता एवं बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, जदयू नेता एवं शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के अलावा अन्य मंत्रियों में जय कुमार सिंह, विजय कुमार सिन्हा, शैलेश कुमार, संतोष कुमार निराला, रामनारायण मंडल एवं बृजकिशोर बिंद भी शामिल हैं। बुधवार को 71 सीटों पर मतदान होने के कारण सोमवार की शाम प्रचार पर विराम लग गया।
बिहार में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) से अलग हटकर चुनाव लड़ रही लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) के कई प्रमुख प्रत्याशियों की भी इसी दौर में परीक्षा होनी है। सबसे महत्वपूर्ण सीट दिनारा से बिहार भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह दल बदलकर लोजपा के टिकट पर भाग्य आजमा रहे हैं। उनके सामने राज्य सरकार के मंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता जयकुमार सिंह हैं। इसी तरह सासाराम से भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री रामेश्वर चौरसिया को भी लोजपा से मैदान में हैं। पालीगंज सीट से लोजपा के टिकट पर लड़ रही पूर्व विधायक एवं भाजपा की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता उषा विद्यार्थी को भी खुद को साबित करना है। सासाराम में चौरसिया का मुकाबला जदयू के अशोक सिंह से है, जबकि पालीगंज में उषा का मुकाबला जदयू के राजदवर्द्धन यादव से है।
प्रथम चरण के चुनाव में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। महागठबंधन के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एवं रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत तमाम नेता अपनी जनसभाओं में 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा करते रहे। तेजस्वी यादव ने वादा किया कि महागठबंधन की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में ही दस लाख लोगों को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके अलावा कृषि ऋण को माफ कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के जवाब में भाजपा की ओर से 19 लाख नौकरियों का दावा किया गया। चिराग सात निश्चय योजनाओं में भ्रष्टाचार का मुद्दा लगातार उठाते रहे।