छत्तीसगढ़ में महज पांच साल के वनवास के बाद भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ गई। मगर, सरकार अब तक उलझनों से बाहर नहीं आ पा रही है। पहले मुख्यमंत्री के नाम पर उलझन रहा। मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्रियों का चयन हो गया तो शेष मंत्रियों के चेहरे पर उलझन बनी रही। 9 मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद लगा उलझनों का दौर खत्म हो गया है, लेकिन मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर नई उलझन सामने आ गई है। उधर, सरकार के उलझन पर कांग्रेस हमलावर है।
छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट का विस्तार होने के पांच दिनों बाद भी मंत्रियों के विभाग बंटवारे को लेकर चला आ रहा सस्पेंस जारी है। राजनीतिक गलियारों में मंत्रियों के विभागों को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री साय सामान्य प्रशासन विभाग, खनिज और वित्त विभाग अपने पास रख सकते है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में बीते 20 वर्षों में अब तक मुख्यमंत्री इन विभागों को अपने पास रखते रहे हैं। वहीं, दो उप मुख्यमंत्रियों को ऐसे विभाग बांटे जा सकते हैं, जिनका सरोकार सर्वाधिक जनहित और अधोसंरचना से हो। कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता भाव से काम करती है। मंत्री पद का दायित्व मिला है और जल्द ही विभागों की घोषणा भी हो जाएगी।
मंत्रियों के विभाग आवंटन में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस सवाल उठा रही है। कांग्रेस संचार सुशील आनंद शुक्ला प्रमुख ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है। उसे किसी गठबंधन से भी सलाह मशविरा नहीं करना है। इसके बावजूद सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। शुक्ला ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सिर फुटव्वल हुआ। अब भाजपा मंत्रिमंडल में अब विभागों का बंटवारा नहीं कर पा रही है। मंत्रिमंडल में पहले ही वरिष्ठों को दरकिनार कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में शपथ लेने वाले मंत्री अब विभाग आवंटन की सूची का इंतजार कर रहे हैं। विभागों का बंटवारा नहीं होने से सरकारी कामकाज ठप हैं। विभागों को निर्देश देने और उसकी निगरानी के लिए अभी यह ही नहीं पता है कौन मंत्री उनके कामकाज देखेगा। उधर, पांच दिनों बाद भी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं होने पर पक्ष-विपक्ष के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।
इनको मिल सकता है ये विभाग
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय – वित्त, जनसंपर्क, खनन, ऊर्जा अपने पास रख सकते हैं
उपमुख्यमंत्री अरुण साव – गृह विभाग
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा – पंचायत, संस्कृति, पर्यटन और धर्मस्व विभाग
बृजमोहन अग्रवाल – लोक निर्माण विभाग/ परिवहन
केदार कश्यप – आदिम जाति कल्याण विभाग/ वन विभाग
लक्ष्मी राजवाड़े – महिला एवं बाल विकास विभाग
राम विचार नेताम – जल संसाधन, ग्रामीण विकास विभाग
ओपी चौधरी – स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा विभाग
लखन लाल देवांगन – स्कूल शिक्षा विभाग
श्याम बिहारी जायसवाल – नगरीय प्रशासन विभाग
दयाल दास बघेल – वाणिज्य एवं उद्योग विभाग
टंकराम वर्मा – कृषि विभाग