भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जमी बर्फ को पिघलाने की कोशिश जारी है। इसके लिए कई स्तर पर बातचीत हो चुकी है और अभी भी प्रकिया जारी है। इस सबके बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बडा बयान दिया है। सीडीएस रावत ने कहा कि लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किए गए बदलाव से निपटने के लिए सैन्य विकल्प जारी है, पर इस पर विचार सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत विफल होने के बाद किया जाएगा।
सीडीएस रावत ने कहा कि एलएसी पर विवाद की वजह, सीमा को लेकर अलग-अलग धारणाएं होती हैं। उन्होंने सैन्य विकल्पों पर बात करने से मना कर दिया। चीन अभी भी पैगॉन्ग के इलाके में डटा हुआ है। वह फिंगर-5 से पीछे जाने के लिए तैयार नहीं है। वहीं एलएसी पर विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कई बार सैन्य वार्ता हो चुकी है। इसमें लेफ्टिनेंट-जनरल स्तर की वार्ता शामिल है। इसके अलावा राजनयिक स्तर पर भी बातचीत जारी है। संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी चीन से बात कर रहे है। दोनों पक्षों के बीच सीमा पर तनाव को कम करने पर बात किया जा रहा है.
एक तरफ इस बातचीत से एलएसी विवाद का हल नहीं निकल रहा है तो दूसरी तरफ फिंगर और डारला इलाके में चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अभ्यास कर रही है। ऐसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने सैन्य विकल्प पर विचार का बयान देकर चीन को कड़ा संदेश देने का प्रयास है।