मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कानून व्यवस्था ड्यूटी पर तैनात एक एएसआइ ने दो लोगों पर मारपीट, वर्दी फाड़ने और जातिगत गालियां देने का आरोप लगाते हुए दुर्ग कोतवाली थाना में एफआइआर दर्ज कराई है। आरोपितों में एक वो व्यक्ति है, जिसने महीने भर पहले एएसआइ का रिश्वत मांगने का स्टिंग आपरेशन कर एसपी से शिकायत की थी। शिकायत के बाद से एएसआइ लाइन अटैच है। वहीं स्टिंग आपरेशन व रिश्वत मांगने के अगले दिन ही एएसआइ, स्टिंग आपरेशन करने वाले के घर गया था और उसके पैरों में गिरकर माफी मांगता दिखा था। दो सप्ताह पहले उसका भी सीसीटीवी फुटेज प्रसारित हुआ था।
एएसआइ ने आरोप लगाया कि ड्यूटी के दौरान दोनों आरोपितों ने उसे जातिगत गालियां दी और उसकी वर्दी फाड़ी। जिसकी शिकायत पर दुर्ग कोतवाली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ गाली गलौज, मारपीट, शासकीय में कार्य में बाधा, शासकीय सेवक से मारपीट और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी कर उन्हें गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि पुलिस लाइन में पदस्थ एएसआइ नारद लाल टांडेकर की शिकायत पर कृपाल नगर निवासी सुखवंत सिंह और जुनवानी निवासी प्रिंस सिंह के खिलाफ प्राथमिकी कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। एएसआइ नारद लाल टांडेकर ने आरोप लगाया कि वो शुक्रवार को पटेल चौक दुर्ग पर ड्यूटी में तैनात था। इसी दौरान आरोपित सुखवंत सिंह और प्रिंस सिंह वहां पर पहुंचे। आरोपित सुखवंत सिंह ने एएसआइ से कहा कि तेरा वीडियो वायरल किया तो कैसा लगा? इस पर एएसआइ नारद लाल टांडेकर ने कहा कि वो अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी और बच्चों के चलते चरण छूकर माफी मांगने गया था और सुखवंत इतना गद्दार निकला कि उसका भी वीडियो प्रसारित कर दिया।
गद्दार बोलने पर सुखवंत सिंह नाराज हो गया और उसने उसके साथी प्रिंस सिंह ने एएसआइ को जातिगत गालियां देते हुए उससे मारपीट की। आरोपितों ने झूमाझटकी कर उसकी वर्दी भी फाड़ दी। वहां पर तैनात आरक्षक अरविंद मेढे और अन्य लोगों ने बीच बचाव किया। इसके बाद दुर्ग कोतवाली पुलिस दोनों आरोपितों को पकड़कर थाना ले गई और आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी कर उन्हें गिरफ्तार किया।
जानिए एएसआइ और सुखवंत सिंह के बीच के विवाद की वजह
पांच मार्च को सुखवंत सिंह ने खुर्सीपार थाना में पदस्थ एसआइ सतीश साहू और पुरानी भिलाई में पदस्थ एएसआइ नारद लाल टांडेकर का एक स्टिंग प्रसारित करते हुए एसपी से शिकायत की थी। दोनों मामलों में पुलिस कर्मियों ने एक्सीडेंट के केस में रिश्वत मांगी थी। इसके बाद एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने दोनों पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच कर दिया था। शिकायत के दूसरे दिन ही एएसआइ नारद लाल टांडेकर एक सिपाही अरविंद मेढे के साथ सुखवंत सिंह के घर पर गया था।
घर में घुसते ही एएसआइ नारद लाल टांडेकर, सुखवंत सिंह के पैरों में गिर गया और उसके बाद घुटनों पर बैठकर हाथ जोड़ने लगा। सुखवंत सिंह के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में इसकी भी रिकार्डिंग हो गई। इस घटना के करीब दो सप्ताह बाद सुखवंत सिंह के पैरों में गिरे एएसआइ का वीडियो प्रसारित हुआ। शुक्रवार को हुई मारपीट की घटना भी इसी का नतीजा है।