कोरोना वायरस के नए वैरिएंट का संक्रमण शुरू हो चुका है, तो तीसरी लहर नए साल की शुरुआत में चरम पर होने की आशंका है। हालांकि भारत में इसके बहुत प्रभावी होने की आशंंका नहीं है, क्योंकि यहां 80 प्रतिशत लोगों में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा ओमिक्रोन वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। साउथ अफ्रीका में इस वायरस के फैलने के अब तक के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद अनुमान लगाया गया है कि अब तक कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन किसी प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता वाले शख्स को बाईपास नहीं कर सका है। जो लोग पूर्व में संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, उनमें खुद ही अच्छी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है, उन पर इस वायरस का ज्यादा असर अब तक नहीं दिखाई पड़ा है।
माना जा रहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट वैक्सीन वाली इम्युनिटी को बाईपास करने में कुछ हद तक सक्षम है। इसी तरह वैक्सीन लगवाने के बाद जिन लोगों में इम्युनिटी का विकास हुआ है, उन्हें भी यह वैरिएंट बहुत ज्यादा बाईपास नहीं कर पा रहा है। इस कारण भारत में ओमिक्रोन का ज्यादा असर होने की आशंका नहीं है। अगर यह माना जाए कि ओमिक्रोन भारत में अभी से फैलना शुरू कर चुका है, तो तीसरी लहर अगले साल के शुरुआती महीनों में चरम स्तर पर होगी। इसके बाद इसमें गिरावट आएगी। हालांकि, दूसरी लहर के दौरान देश में जिस तरह के हालात थे और अस्पताल व आक्सीजन बेड की काफी जरूरत पड़ी थी, ओमिक्रोन के आने से वैसी जरूरत नहीं पड़ेगी।