बहुचर्चित पेगासस मामले में बंगाल सरकार द्वारा गठित जांच आयोग ने कुल 31 लोगों को बंगाल के आयोग के समक्ष पेश होने का नोटिस जारी किया गया है। इनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके को बयान देने के लिए नोटिस जारी किया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही कुछ और नोटिस भेजे जाने की संभावना है। जांच आयोग कथित तौर पर जासूसी के शिकार कुछ और लोगों के पते-ठिकाने की अभी जानकारी जुटाई जा रही है। बयानों की रिकार्डिंग 21 दिसंबर तक चलेगी।
सूत्रों के मुताबिक आयोग ने उन लोगों को भी गवाही की अनुमति दी है जो साक्ष्य के तौर पर अपने कथित ‘इंफेक्टेड” उपकरणों को जमा कराते हैं। अब तक तीन लोगों ने आयोग के समक्ष वर्चुअली अपनी गवाही दी है और एक व्यक्तिगत तौर पर पेश हुए हैं।
गौर हो कि 26 जुलाई को बंगाल कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच का आदेश देने वाला पहला राज्य बन गया था। इस मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को लगातार घेरने वाली बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस मदन बी. लोकुर और कलकत्ता हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की अगुआई में एक आयोग के गठन की घोषणा की थी। बताते चलें कि पेगासस मामले में कथित कम से कम 174 ऐसे लोगों के नाम थे, जिनकी कथित तौर पर जासूसी की गई थी। सूची में राजनेता, न्यायाधीश्ा, नौकरशाह, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल थी।