भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू को रविवार को यहां खिताबी मुकाबले में दक्षिण्ा कोरिया की आन सियोंग से सीधे गेम में हारने के कारण बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मौजूदा विश्व चैंपियन सिंधू के पास विश्व में छठे नंबर की कोरियाई खिलाड़ी के खेल का कोई जवाब नहीं था और वह आसानी से 16-21, 12-21 से हार गईं। सियोंग ने नेट पर बेहतरीन खेल दिखाया और बेसलाइन पर भी अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने 39 मिनट तक चले मैच में दो बार की ओलिंपिक पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी को किसी भी समय वापसी का मौका नहीं दिया।
सियोंग ने इससे पहले इंडोनेशिया मास्टर्स और इंडोनेशिया ओपन के खिताब जीते थे। उन्होंने अक्टूबर में डेनमार्क ओपन के क्वार्टर फाइनल में भी सिंधू को हराया था। यह तीसरा अवसर था जब सिंधू इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थीं। वह 2018 में खिताब जीतकर यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय बनी थीं। हालांकि, इस बार वह जीत हासिल नहीं कर सकीं।
कोरिया की 19 साल की खिलाड़ी के खिलाफ सिंधू एक बार फिर असहज नजर आईं और अपने आक्रमक खेल को आगे नहीं बढ़ा सकीं।
सियोंग ने नेट का शानदार इस्तेमाल किया और शटल पर बेहतर प्रहार से उन्होंने सिंधू की योजना को विफल कर दिया। मैच की शुरुआत में ही सिंधू 0-4 से पिछड़ गईं। उन्होंने वापसी की कोशिश की, लेकिन कोरियाई खिलाड़ी ने उन्हें एक बार में कई अंक बटोरने का कोई मौका नहीं दिया।
सियोंग ने अपनी बढ़त को 16-8 किया। हालांकि, सिंधू ने कुछ हद तक वापसी करते हुए इस अंतर को कम किया, लेकिन वह कोरियाई खिलाड़ी को 21-16 से गेम अपने नाम करने से नहीं रोक सकीं। सिंधू ने इसके बाद दूसरे गेम में 5-4 की बढ़त लेकर अच्छी शुरुआत की, लेकिन सियोंग ने वापसी करते हुए 10-6 की बढ़त ली और इस गेम को 21-12 से जीतकर मुकाबला अपने नाम किया।